सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और दिग्‍गज वकील भी नहीं सुलझा सके ललित मोदी और मां के बीच संपत्ति विवाद, अब क्‍या बोली अदालत?


हाइलाइट्स

कोर्ट में ललित मोदी की ओर से हरीश साल्‍वे और एएम सिंघवी पक्ष रख रहे हैं.
बीना मोदी की ओर से कपिल सिब्‍बल और मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को करने के लिए कहा है.

नई दिल्‍ली. ब्रिटेन में रहने वाले कारोबारी ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और अन्‍य भाई-बहनों के बीच चल रहा पारिवारिक संपत्ति विवाद और उलझता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मध्‍यस्‍थता के लिए नियुक्‍त पूर्व जज और दिग्‍गज वकीलों की टोली भी विवाद सुलझाने में नाकाम रही है. अब तंग आकर सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई पर दोनों पक्षों को समाधान के साथ पेश होने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट में बृहस्‍पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान ललित मोदी ने बताया कि मध्‍यस्‍थता के लिए किए गए सभी प्रयास नाकाम रहे हैं. इसके बाद शीर्ष अदालत ने 1 अगस्‍त तक के लिए सुनवाई टाल दी और दोनों पक्षों से संभावित समाधान के साथ पेश होने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश एनवी रमणा की अगुवाई में जस्टिस कृष्‍णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

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सुनवाई के दौरान मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा, पिछली बार हमने मध्यस्थ नियुक्त किए थे, लेकिन आप फैसला नहीं कर सके. दोनों पक्षों को निष्पक्ष होना चाहिए, आप फायदा नहीं उठा सकते या अन्य पक्ष फायदा नहीं उठा सका तो अब आप कृपया समाधान के साथ आएं.

कौन कर रहा था मध्‍यस्‍थता
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 16 दिसंबर, 2021 को मामले की सुनवाई के दौरान विवाद को सुलझाने के लिए पूर्व न्यायाधीशों जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया था. सुनवाई के दौरान वकीलों ने बताया कि मध्‍यस्‍थता की कोशिश नाकाम रही है. कोर्ट में ललित मोदी की ओर से हरीश साल्‍वे और एएम सिंघवी पक्ष रख रहे हैं, जबकि उनकी मां बीना मोदी की ओर से कपिल सिब्‍बल और मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं.

कोर्ट में क्‍या बोले बीना मोदी के वकील
प्रतिवादियों के वकील कपिल सिब्‍बल ने कोर्ट में कहा, ललित मोदी की ओर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिये अंतरराष्‍ट्रीय मध्‍यथस्‍ता अदालत में दिल्‍ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली विशेष अपील दायर करना कानून सम्‍मत नहीं है. यह विवाद ट्रस्‍ट से संबंधित है, जबकि विशेष अपील पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिये दाखिल की जा रही है. ब्रिटेन की अदालत में दायर इस अपील का मुकुल रोहतगी ने भी विरोध किया और कहा, ट्रस्‍ट के मामले में और ट्रस्‍ट कानून के तहत ट्रस्‍टी के कर्तव्‍य का कोई हिस्‍सा नहीं हो सकता है. यह ट्रस्‍ट एक्‍ट के खिलाफ है.

क्‍या बोले ललित मोदी के वकील
ललित मोदी के वकील हरीश साल्‍वे ने कहा, प्रतिवादियों की आपत्ति को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए. अगर ट्रस्ट से जुड़े मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी नहीं दी जा सकती तो ऐसे मामले में पेश होने के लिए वकील को भी नहीं सौंपा जा सकता है. ललित मोदी न केवल एक ट्रस्टी हैं, बल्कि एक लाभार्थी भी हैं. लिहाज वे एक लाभार्थी के रूप में ट्रस्ट डीड को भंग करने की मांग कर रहे हैं. उन्‍होंने आरोप लगाया कि प्रतिवादी संपत्ति को बेचना भी शुरू कर दिए हैं.

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क्‍या बोला सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने कहा, हम कह रहे हैं कि हम इस मुद्दे पर फैसला करेंगे. हम नोटिस जारी कर रहे हैं. अपना जवाब दाखिल करें, जो भी जवाब हो, दें. हम संपत्ति बेचने की अनुमति नहीं देते हैं. यथास्थिति बनाए रखें. पिछली बार भी हमने मामला भेजा था और आपने कहा था कि मध्यस्थता चाहते हैं और अब संपत्ति बेच रहे हैं. रोहतगी आप देखें कि कोई संपत्ति न बेची जाए. मामला सोमवार को देखेंगे.

क्‍या है पूरा विवाद
2 नवंबर, 2019 को केके मोदी की मौत के बाद ललित मोदी, उनकी मांग बीना मोदी, उनकी बहन चारू और भाई समीरस के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया. ललित मोदी ने सिंगापुर की मध्‍यस्‍थता अदालत में अपील कर दी, जिसे दिल्‍ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब विशेष अपील इसी फैसले पर रोक लगाने और मध्‍यस्‍थता मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने के लिए की गई है.

Tags: Business news in hindi, Lalit modi, Property dispute, Supreme Court

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