पाकिस्तान में भारत की गूंज: सड़क से लेकर संसद तक भारत, मोदी और पूर्व पीएम वाजपेयी की चर्चा, जानिए क्या हुआ ऐसा?


सार

पाकिस्तान में सियासी संकट अभी भी बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संसद तो बहाल हो गई, लेकिन अभी तक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं शुरू हो पाई। स्पीकर ने वोटिंग की बजाय पहले इमरान सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिश के मुद्दे को चर्चा के लिए रख दिया है। 

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राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान में चारों तरफ भारत की गूंज सुनाई दे रही है। सड़क से लेकर संसद तक भारत के नाम का जिक्र हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी तक के नाम की लोग चर्चा हो रही है। 

इस पूरे संकटकाल में प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। इमरान ने भारत की विदेश नीति को आजाद बताते हुए खुद्दार देश बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को दुनिया का कोई भी देश आज डरा-धमका नहीं सकता है। 

संसद में इमरान की जगह उनके करीबी नेता शाह महमूद कुरैशी ने सरकार का पक्ष रखा। कुरैशी ने भी खुलकर भारत की तारीफ की। कहा- आज भारत की धमक पूरी दुनिया में है। वह रूस से तेल भी खरीद रहा है, तो अमेरिका के साथ भी उसके अच्छे रिश्ते हैं। यह सब भारत की आजाद विदेश नीति की वजह से ही संभव है। 

यही नहीं, विदेश नीति के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की चर्चा होने लगी। आइए जानते हैं क्यों? 
पहले जानिए भारत की विदेश नीति का जिक्र क्यों?
सत्ता में आने के बाद से इमरान खान पाकिस्तान की विदेश नीति में बदलाव लाना चाहते हैं। अभी तक वह दो बड़े देशों के बीच विवाद होने पर किसी न किसी एक का पक्ष लेते हैं। वहीं, भारत दो देशों की लड़ाई में न तो किसी का पक्ष लेता है और न ही विरोध करता है। यही कारण है कि मौजूदा समय भी भारत के रूस और अमेरिका दोनों से अच्छे रिश्ते हैं। 
पूर्व पीएम वाजपेयी का जिक्र क्यों? 
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र हो रहा है। पाकिस्तानी यूजर्स सोशल मीडिया पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए गए भाषण की क्लिप को शेयर कर रहे हैं। यूजर्स बोल रहे हैं कि अगर इमरान खान भारत को अपना आदर्श मानते हैं तो उन्हें भारत के नेताओं से भी सीखना चाहिए। 

 पाकिस्तान के यूजर्स 31 मई 1996 का वीडियो शेयर कर रहे हैं। इसमें भारत की संसद में अटल बिहारी वाजपेयी अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण दे रहे हैं। तब अटल वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। हालांकि, संसद में बहुमत पाने से मात्र एक वोट से पीछे रह गए थे। इस कारण वाजपेयी को 13 दिन में ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 

उन्होंने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था, ‘हमारा क्या अपराध है। हमें क्यों कठघरे में खड़ा किया जा रहा है? यह जनादेश ऐसे ही नहीं मिला है। हमने मेहनत की है, इसके पीछे वर्षों का संघर्ष है, साधना है। हम देश सेवा कर रहे हैं वो भी निस्स्वार्थ भाव से और पिछले 40 सालों से ऐसे ही करते आ रहे हैं। एक-एक सीट वाली पार्टियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आती हैं। राज्यों में आपस में लड़ती हैं। दिल्ली में आकर एक हो जाती हैं। हम देश की सेवा के कार्य में जुटे रहेंगे। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जो कार्य हमने अपने हाथों में लिया है, उसे पूरा किए बिना विश्राम नहीं करेंगे। अध्यक्ष महोदय, मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देने जा रहा हूं।’ 
पीएम मोदी का जिक्र क्यों? 
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी खूब जिक्र हो रहा है। जैसे ही इमरान खान ने विदेश नीति को लेकर भारत को खुद्दार देश कहा, वैसे ही विपक्ष ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया। विपक्ष नेताओं ने कहा कि अगर इमरान को इतना ही भारत अच्छा लग रहा है तो वह भारत क्यों नहीं चले जाते। 

विपक्ष को जवाब देते हुए इमरान के करीबी शाह महमूद कुरैशी ने 2015 की बात याद दिलाई। कहा कि नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी के बीच व्यक्तिगत रिश्ते हैं। ये जग जाहिर है। इसलिए मोदी… लाहौर आ गए थे। कुरैशी ने कहा कि तब शरीफ क्यों नहीं भारत चले गए?

विस्तार

राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान में चारों तरफ भारत की गूंज सुनाई दे रही है। सड़क से लेकर संसद तक भारत के नाम का जिक्र हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी तक के नाम की लोग चर्चा हो रही है। 

इस पूरे संकटकाल में प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। इमरान ने भारत की विदेश नीति को आजाद बताते हुए खुद्दार देश बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को दुनिया का कोई भी देश आज डरा-धमका नहीं सकता है। 

संसद में इमरान की जगह उनके करीबी नेता शाह महमूद कुरैशी ने सरकार का पक्ष रखा। कुरैशी ने भी खुलकर भारत की तारीफ की। कहा- आज भारत की धमक पूरी दुनिया में है। वह रूस से तेल भी खरीद रहा है, तो अमेरिका के साथ भी उसके अच्छे रिश्ते हैं। यह सब भारत की आजाद विदेश नीति की वजह से ही संभव है। 

यही नहीं, विदेश नीति के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की चर्चा होने लगी। आइए जानते हैं क्यों? 



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