वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 22 Mar 2022 05:23 PM IST
सार
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अचानक से बढ़ोतरी होने और ईंधन की कमी की वजह से हजारों लोगों को घंटों तक पेट्रोल पंपों पर खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जनता को प्रतिदिन कई घंटों तक बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है।
![श्रीलंका में गहराया ईंधन संकट: पेट्रोल पंपों के बाहर लंबी कतार, हिंसा की आशंका के चलते सेना तैनात श्रीलंका में पेट्रोल पंपों के बाहर लगी लंबी कतारें।](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/03/22/750x506/sri-lanka-faces-energy-crisis-after-economic-fallout-petrol-pumps-now-being-guarded-by-armymen-news-and-updates_1647949984.jpeg)
श्रीलंका में पेट्रोल पंपों के बाहर लगी लंबी कतारें।
– फोटो : Social Media
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विस्तार
श्रीलंका में ईंधन की कमी के चलते पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। आलम यह है कि ईंधन के वितरण के प्रबंधन और निगरानी के लिए मंगलवार को पेट्रोल पंपों पर सेना को तैनात करना पड़ा है। विदेशी विनिमय की कमी के कारण देश में भारी आर्थिक और ऊर्जा संकट पैदा हो गया है।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अचानक से बढ़ोतरी होने और ईंधन की कमी की वजह से हजारों लोगों को घंटों तक पेट्रोल पंपों पर खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जनता को प्रतिदिन कई घंटों तक बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है।
मंगलवार सुबह, निहत्थे सैनिकों को सरकारी कंपनी सेलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित पंपों पर लोगों को नियंत्रित करते देखा गया। ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने संवाददाताओं से कहा, “हमने पेट्रोल पंपों पर सैन्य कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके क्योंकि लोग व्यापार करने के लिए कैन में ईंधन ले जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “वे (सैनिक) यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों में ईंधन का उचित तरीके से वितरण किया जाए।” ईंधन के लिए कतार में लगे लोगों में से अब तक चार की मौत की खबर आई है। विदेशी विनिमय संकट की वजह से ईंधन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात रुक गया है। गौरतलब है कि श्रीलंका सरकार ने भारत से कर्ज की मदद मांगी थी जिसके बाद पिछले सप्ताह भारत ने आर्थिक संकट से उबरने के वास्ते एक अरब डॉलर का ऋण दिया था।