Ghanshyam Lodhi : आजम खां के गढ़ में सेंध लगाने वाले घनश्याम लोधी कौन, जानें कैसे किया यह कमाल?


रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली है। सपा के कद्दावर नेता आजम खां के गढ़ में आठ साल बाद फिर कमल खिला। भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम रजा को मात दी। आइए जानते हैं रामपुर उपचुनाव जीतने वाले घनश्याम लोधी कौन हैं? उन्होंने आजम खां के गढ़ में सेंध कैसे लगाई?

 

पहले रामपुर सीट का सियासी गणित जान लीजिए

रामपुर लोकसभा सीट से 2019 में सपा के दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खां सांसद चुने गए थे। आजम इस बार विधानसभा चुनाव भी लड़े थे और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके चलते यहां उपचुनाव हुआ। रामपुर लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें रामपुर, स्वार और चमरौआ सीट मुस्लिम बहुल सीटें हैं। तीनों सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। रामपुर सीट पर 63 फीसदी, स्वार सीट पर 55 फीसदी और चमरौआ सीट पर 53 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। बिलासपुर सीट पर भी 30 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं।  

2022 के विधानसभा चुनाव में इन पांच में से तीन सीटों पर सपा और दो पर भाजपा को जीत मिली थी। रामपुर विधानसभा सीट से आजम खां, स्वार से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और चमरौआ विधानसभा सीट से नसीर अहमद खान सपा के टिकट पर जीते थे। वहीं, बिलासपुर सीट से बलदेव औलख और मिलख सीट से राजबाला सिंह भाजपा के टिकट पर जीते थे।

 

कौन हैं घनश्याम सिंह लोधी? 

घनश्याम लोधी रामपुर के लिए नया नाम नहीं हैं। वह काफी समय से राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी राजनीति भी भाजपा से ही शुरू हुई थी। तब वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेहद करीबी थे। साथ ही, पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे। 1999 में वह भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए। तब घनश्याम तीसरे नंबर पर रहे।

जब कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई तो घनश्याम लोधी भी उसमें शामिल हो गए। 2004 में घनश्याम लोधी को इसका इनाम मिला। राष्ट्रीय क्रांति पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन करके घनश्याम को बरेली-रामपुर एमएलसी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया। वह जीत भी गए। 

 

फिर बसपा का दामन थाम लिया

2009 लोकसभा चुनाव के दौरान घनश्याम लोधी ने बसपा का दामन थाम लिया। बसपा ने उन्हें रामपुर से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह जीत नहीं पाए। तब समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और अभिनेत्री जयाप्रदा ने जीत हासिल की थी। चुनाव में मिली हार के बाद 2011 में घनश्याम एक बार फिर सपा में शामिल हो गए। 

 

आजम खां के करीबी चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए

रामपुर में घनश्याम लोधी ने सपा के पक्ष में खूब माहौल बनाया। 2012 में उन्होंने काफी मेहनत भी की। इसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव और फिर 2019 लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने सपा के लिए प्रचार किया। घनश्याम को आजम खां का करीबी माना जाता था। हालांकि, 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोधी ने सपा छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। चुनाव में भाजपा के लिए जमकर प्रचार भी किया। 

 



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