Go First IPO : एविएशन स्टॉक्स की मार्केट सेंटीमेंट सुधरने पर जल्द आएगा ये आईपीओ, कैसी है अभी इस सेक्टर की हालत ?


Go First IPO : गो एयर (GoAir) के नाम से पहले जानी-जाने वाली बजट एयरलाइन गो फर्स्ट (GoFirst) अपने लेट हो चुके आईपीओ को इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ला सकती है. हालांकि एविएशन स्टॉक्स की मार्केट सेंटीमेंट सुधरने पर ही आईपीओ आएगा. यह आईपीओ 3600 करोड़ रुपए का होगा. इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि 27 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें पॉजिटीव इंट्रेस्ट दिखाया है.

एयरलाइन से जुड़े एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि घरेलू और विदेशी एयर ट्रेवल ओपन होने और कोरोना की नई लहर न आने की उम्मीदों के चलते GoFirst अपने आईपीओ को लेकर आशावादी है. घरेलू एयर ट्रैफिक अपने कोरोना पूर्व के स्तर पहुंच चुकी है. एविएशन स्टॉक में भी अब रिकवरी देखने को मिल रही है.  देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के संचालक इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में पिछले तीन दिनों में 8.1 फीसदी का उछाल आया है, जबकि इसी अवधि में स्पाइसजेट के शेयरों में 7 फीसदी की तेजी आई है.

विमानन ईंधन की बढ़ती कीमत बड़ा संकट

भारत का एविएशन सेक्टर तेजी से सुधर रहा है. लोग दो साल से अधिक की महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के बाद छुट्टी और आधिकारिक यात्रा फिर से शुरू कर रहे हैं. हालांकि, विमानन ईंधन की कीमत, एयरलाइनों के लिए सबसे बड़ी निगेटिव फैक्टर है. विमानन ईंधन की कीमत तेजी से बढ़ी है. वहीं, इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और तेज होगी क्योंकि दो नए एयरलाइन मार्केट में आ रहे हैं.

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सरकार से राहत की उम्मीद

इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि अन्य एयरलाइनों की तरह, गो फर्स्ट गर्मी की छुट्टियों के दौरान बढ़ती ईंधन की कीमतों से निपटने के लिए अवकाश यात्रा की बढ़ती मांग पर दांव लगा रहा है. विमानन कंपनी को उम्मीद है कि सरकार किराया सीमा हटाएगी और विमानन क्षेत्र की मदद के लिए जीएसटी में विमानन टरबाइन ईंधन को शामिल करेगी.

मई 2021 के बाद से विमानन टरबाइन ईंधन की कीमतों में लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जेट ईंधन की कीमतों में 16 मई को 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, यह लगातार 10वीं बार दाम बढ़ोतरी थी. अब नई दिल्ली में इसकी कीमत 1,23,039.71 रुपये प्रति किलोलीटर है.

कहां होगा फंड का इस्तेमाल

गोफर्स्ट की योजना आईपीओ से जुटाए जाने वाले 2,200 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज घटाने और पट्टेदारों को चुकाने में करने की है. शेष 1,600 करोड़ रुपये भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयरलाइन के संचालन को बढ़ाने के लिए तैनात किए जाएंगे, जिसमें इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और नेपाल के लिए उड़ानें शामिल हैं.

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एयरलाइन को उम्मीद है कि कोरोना की एक नई लहर न आने की स्थिति में साल 2022-23 की दूसरी तिमाही तक घरेलू यात्री यातायात पूर्व-कोविड के स्तर से 5-10 प्रतिशत अधिक हो जाएगा.

नए विमान पर फोकस 

एयरलाइन की योजना Airbus A320 Neos और Airbus A320 Ceos के अपने पूरे बेड़े को Airbus A321 Neos में बदलने की है. एयरलाइन के बेड़े में वर्तमान में 52 A320 Neos और 6 A320 Ceos हैं. गोफर्स्ट की योजना 2023-24 तक प्रति वर्ष 10 विमानों की डिलीवरी लेने की है और अन्य 72 विमानों की डिलीवरी 2023-24 और 2026-27 के बीच की जाएगी.

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