रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अच्छी खबर: इस वजह से कम हुईं कच्चे तेल की कीमतें


नई दिल्ली. Crude oil prices : अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते (Nuclear deal between the US and Iran) की उम्मीद के बीच गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 112 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा था, जो 2013 के बाद का उच्चतम स्तर 119.84 डॉलर प्रति बैरल था. बाद में यह 110.46 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. हालांकि, शुक्रवार के शुरुआती कारोबार में तेल की कीमतें (Oil Prices) गुरुवार के अपने बंद स्तर से थोड़ा बढ़ गईं.

शुक्रवार को 11 बजकर 05 मिनट पर इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट फ्यूचर्स का मई का कॉन्ट्रैक्ट 112.16 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो पिछली क्लोजिंग से 1.54% अधिक था. NYMEX पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट 2% बढ़कर 109.82 डॉलर प्रति बैरल हो गया.

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अगर युद्ध न रुका तो क्या?
मेहता इक्विटीज लिमिटेड (Mehta Equities Ltd) के वीपी कमोडिटीज राहुल कलंत्री ने कहा, “कच्चे तेल में उच्च स्तर पर इस संकेत के बाद प्रॉफिट बुकिंग देखी गई कि ईरान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका का परमाणु समझौते हो सकता है. यदि सौदा होता है तो ईरानी तेल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वापसी कर सकता है और मुनाफे को सीमित कर सकता है.”

ईरान दुनिया का नौवां सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, लेकिन देश पर आर्थिक प्रतिबंधों के कारण इसकी क्षमता की तुलना में कम उत्पादन हुआ है. हालांकि, चल रहे जियो-पॉलिटिकल तनाव और संघर्ष से आने वाले दिनों में तेल की कीमतें बढ़ने की संभावना है.

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उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि आज के सत्र में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा और अगर रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध तेज होता है तो तेल की कीमतों को बढ़त जारी रह सकती है.”

एक एक्सपर्ट की राय अलग
कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) में कमोडिटी रिसर्च के हेड रवींद्र राव का मानना है कि रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच दूसरे दौर की बातचीत ने गुरुवार को अत्यधिक अस्थिर तेल बाजार को कुछ शांत किया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद रूस-यूक्रेन तनाव तेज होने के कारण शुक्रवार को कीमतों में फिर से उछाल आया.

राव ने कहा, “एक हफ्ते में कच्चे तेल में 25% से अधिक की तेजी आई है और बाजार के खिलाड़ी अब रैली के जारी रहने की संभावना का आकलन कर रहे हैं. जब तक तनाव को कम करने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए जाते हैं, तब तक कीमतों में इजाफा होते रहने की संभावना बनी रहेगी.”

Tags: Crude oil, Crude oil prices

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