नौकरीपेशा के लिए खुशखबरी! नियोक्‍ता की ओर से मिलने वाली कई सुविधाओं पर नहीं लगेगा जीएसटी, क्‍या है आदेश?


नई दिल्‍ली. रेगुलर और कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. उन्‍हें नियोक्‍ता की ओर से मिलने वाले भत्‍तों और सुविधाओं पर कोई जीएसटी नहीं चुकाना होगा. केंद्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड (CBIC) ने इस बारे में सर्कुलर जारी कर स्‍पष्‍टीकरण दिया है.

CBIC के अनुसार, नियोक्‍ता की ओर से कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं और भत्‍तों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में मामलों में जुर्माना तभी लगाया जाएगा जब फर्जी इनवॉइस के जरिये बिना उत्‍पाद सप्‍लाई किए टैक्‍स चोरी की जाएगी. सीबीआईसी ने यह सर्कुलर पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक में हुए फैसलों के बाद जारी किया है.

जीएसटी मामलों के जानकार बलवंत जैन बताते हैं कि इन सुविधाओं में कर्मचारियों को मिलने वाला एलटीए, एचआरए, टर्म इंश्‍योरेंस का प्रीमियम, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का प्रीमियम, नियोक्‍ता के स्‍कूल में पढ़ने वाले बच्‍चों की फीस, इलाज पर कंपनी की ओर से किया गया भुगतान और फूड कूपन जैसी चीजें शामिल हैं. वैसे तो इस पर पहले भी जीएसटी नहीं वसूला जाता था, लेकिन कर अधिकारियों और उद्योग जगत की मांग के बाद सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर और स्‍पष्‍ट कर दिया है.

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क्‍या होगा फैसले का असर
टैक्‍स एक्‍सपर्ट का कहना है सर्कुलर कर की मांग में कमी लाने में मददगार साबित होगा. साथ ही फर्जी इनवॉइस के मामलों में होने वाली गिरफ्तारियों पर भी अंकुश लगेगा. इसके अलावा अदालतों पर भी मामलों का बोझ कम होगा. अभी तक कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं और भत्‍तों पर जीएसटी को लेकर भ्रम था. इस कारण तमाम फील्‍ड अधिकारियों ने मामले पर स्‍पष्‍टीकरण की मांग की थी.

फील्‍ड अधिकारियों ने कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर जॉब करने वाले कर्मचारियों को नियोक्‍ता की ओर से मिलने वाली सुविधाओं और भत्‍तों पर जीएसटी को लेकर स्‍पष्‍टीकरण मांगा था. इस पर सीबीआईसी ने साफ किया है कि न तो कर्मचारी की ओर से कंपनी को दी जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी लिया जाएगा और न ही नियोक्‍ता की ओर से कर्मचारी को दी गई सुविधाओं-भत्‍तों पर जीएसटी लागू होगा.

उद्योग जगत की मांग पूरी
केपीएमजी टैक्‍स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि सीबीआईसी के इस सर्कुलर ने उद्योग जगत की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है. उद्योग जगत का कहना था कि कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाएं और भत्‍ते उनके और नियोक्‍ता के बीच हुए करार का ही हिस्‍सा हैं. लिहाजा इन पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए.

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फर्जी इनवॉइस पर जुर्माना तय
सीबीआईसी ने एक अन्‍य सर्कुलर में उद्योग जगत और कर अधिकारियों को स्‍पष्‍ट किया है कि फर्जी इनवॉइस के मामले में डिमांड और पेनाल्‍टी लगाई जाएगी. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां रजिस्‍टर्ड व्‍यक्ति ने टैक्‍स इनवॉइस जेनरेट किया है लेकिन उत्‍पाद या सेवाओं की सप्‍लाई नहीं की है. ऐसे फर्जी इनवॉइस के जरिये इनपुट टैक्‍स क्रेडिट का दावा किया गया.

टैक्‍स एक्‍सपर्ट ने इस सर्कुलर का मतलब समझाते हुए कहा, सप्‍लायर पर उत्‍पाद या सेवाओं की आपूर्ति के एवज में कोई जीएसटी नहीं लगाया जाएगा, लेकिन फर्जी इनवॉइस के मामले में पेनाल्‍टी जरूर लगेगी. अगर एक बार जीएसटी कानून के तहत प्राप्‍तकर्ता पर जुर्माना लगाया जा चुका है, तो दोबारा उसी अपराध के लिए जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. इससे गिरफ्तारी के मामलों में कमी आएगी और टैक्‍स डिमांड की संख्‍या भी कम हो जाएगी.

Tags: Employees, Employer, Gst

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