कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बढ़िया खबर, सरकार का निर्यात को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य


नई दिल्ली . केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग को 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के टेक्सटाइल निर्यात को इस बात से भी प्रोत्साहन मिलेगा कि यहां का उत्पाद बगैर किसी अतिरिक्त शुल्क के यूएई और ऑस्ट्रेलिया में निर्यात किया जाएगा. गौरतलह है कि भारत ने दोनों ही देशों के साथ व्यापार समझौता किया है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत और भी कई देशों में ड्यूटी फ्री निर्यात का प्रयास कर रहा है. इसमें यूरोपीय संघ, कनाडा, यूके और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के सदस्य देश शामिल हैं
बकौल गोयल भारत इन देशों के साथ मुफ्त व्यापार समझौता करने की कोशिश में है.

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कपड़ा उद्योग तेजी से बढ़ रहा
पिछले वित्त वर्ष में भारत से 43 अरब डॉलर का टेक्सटाइल निर्यात हुआ था जबकि उससे पिछले वर्ष में यह केवल 33 अरब डॉलर ही था. गोयल ने कहा, “टेक्सटाइल उद्योग बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है और हमें कपड़ा निर्यात को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक ले जाना चाहिए. हम इस विशाल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.” उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनैतिक परिदृश्य बदल रहा है और यह कपड़ा उद्योग को निर्यात का बड़ा मौका दे रहा है. उन्होंने कहा कि देश में कपास की खेती बढ़ाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए क्योंकि फिलहाल भारत में प्रति हेक्टेयर जमीन पर 500 किलोग्राम कपास उगाई जा रही है जो इस मामले में दुनिया की औसत का आधा है. बकौल गोयल, कपास की कीमत आज बहुत अधिक और सरकार उश पर लगातार नियंत्रण बनाए हुए है. मंत्री ने कहा कि यहां एक संतुलन बनाए रखने की जरुरत है ताकि किसान को कपास का सही दाम मिले और उद्योग को कपास सही दाम पर मिले.

मौके पर चौका मारने का समय
गोयल ने कहा कि देश को नई विदेशी तकनीकों, दुर्लभ खनिजों, और ऐसे कच्चे माल के लिए खुद को खोलना होगा जो भारत में उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी उत्पादकता, उत्पादन, और गुणवत्ता में सुधार आएगा और इसके बदले में पूरी दुनिया में हमारे सामान की मांग बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनैतिक कारणों से विभिन्न देश विनिर्माण के लिए दूसरी जगहों की तलाश कर रहे हैं और टेक्सटाइल उद्योग इस मौके का फायदा उठाकर ‘मौके पर चौका’ लगाने के लिए एकदम सही स्थिति में है.

Tags: Piyush goyal, Textile Business

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