अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 24 Mar 2022 05:21 AM IST
सार
वायुसेना मुख्यालय के एक तजुर्बेकार एयर वाइस मार्शल स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में चल रही जांच में चूक के तकनीकी पहलुओं का भी गहन अध्ययन अध्ययन किया जा रहा है। यह घटना नौ मार्च को हुई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारत के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
पाकिस्तान में ‘चूक’ से जा गिरी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अब तक की जांच के मुताबिक, इसके लिए वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी को कसूरवार ठहराया जा सकता है।
वायुसेना मुख्यालय के एक तजुर्बेकार एयर वाइस मार्शल स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में चल रही जांच में चूक के तकनीकी पहलुओं का भी गहन अध्ययन अध्ययन किया जा रहा है। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, 8-9 मार्च की देर रात यह मिसाइल अंबाला के पास स्थित मोबाइल कमांड पोस्ट से गलती से दागी गई थी और पाकिस्तान की सीमा पार करने के बाद करीब 157 किलोमीटर का सफर तय किया था।
मिसाइल लांच होने के बाद यह करीब 2.8 मैक की गति से चली और करीब चार मिनट बाद पाकिस्तान के मियां चन्नू में जा गिरी। हालांकि इसमें किसी की जान नहीं हुई।
मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान
इस मिसाइल में किसी तरह का विस्फोटक नहीं था। सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस एक सामरिक स्तर की मिसाइल सिस्टम है। बिना विस्फोटक हथियार से लैस इस मिसाइल को पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है।
nइस घटना के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया था कि भारत का मिसाइल तंत्र बिल्कुल सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने इस चूक के लिए खेद प्रकट करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का भी एलान किया था।
विस्तार
पाकिस्तान में ‘चूक’ से जा गिरी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अब तक की जांच के मुताबिक, इसके लिए वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी को कसूरवार ठहराया जा सकता है।
वायुसेना मुख्यालय के एक तजुर्बेकार एयर वाइस मार्शल स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में चल रही जांच में चूक के तकनीकी पहलुओं का भी गहन अध्ययन अध्ययन किया जा रहा है। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, 8-9 मार्च की देर रात यह मिसाइल अंबाला के पास स्थित मोबाइल कमांड पोस्ट से गलती से दागी गई थी और पाकिस्तान की सीमा पार करने के बाद करीब 157 किलोमीटर का सफर तय किया था।
मिसाइल लांच होने के बाद यह करीब 2.8 मैक की गति से चली और करीब चार मिनट बाद पाकिस्तान के मियां चन्नू में जा गिरी। हालांकि इसमें किसी की जान नहीं हुई।
मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान
इस मिसाइल में किसी तरह का विस्फोटक नहीं था। सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस एक सामरिक स्तर की मिसाइल सिस्टम है। बिना विस्फोटक हथियार से लैस इस मिसाइल को पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है।
nइस घटना के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया था कि भारत का मिसाइल तंत्र बिल्कुल सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने इस चूक के लिए खेद प्रकट करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का भी एलान किया था।
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