नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्टों द्वारा संचालित सराय (Sarais) पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के बारे में बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार (4 अगस्त) को कहा कि धार्मिक या धर्मार्थ ट्रस्टों द्वारा संचालित सराय को जीएसटी से छूट दी गई है. वित्त मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण आप सांसद राघव चड्ढा समेत विभिन्न तबकों की मांग के बाद आया है कि धार्मिक संस्थानों के कमरों के किराये पर जीएसटी को वापस लिया जाए.
CBIC ने ट्वीट कर दी दी जानकारी
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गुरुवार को कमरों के किराये पर जीएसटी को लेकर भ्रम दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण जारी किया था. वित्त मंत्रालय के तहत सीबीआईसी ने कई ट्वीट कर कहा कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित ‘सरायों’ के कमरे के किराये पर जीएसटी लागू नहीं होगा.
Certain sections of the media and social media are spreading the message that GST has recently been imposed with effect from 18 July, 2022 even on ‘Sarais’ run by religious/charitable trusts. This is not true. (1/9) The correct position is detailed below: @nsitharaman @PIB_India
— CBIC (@cbic_india) August 4, 2022
एसजीपीसी ने लेना शुरू कर दिया था जीएसटी
जीएसटी काउंसिल ने इस साल जून माह में फैसला किया था कि एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल कमरों पर 12 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा. 18 जुलाई, 2022 को एक हजार रुपये से कम किराए वाले कमरे पर जीएसटी प्रस्ताव के लागू होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा संचालित कुछ सरायों ने एक हजार रुपये से कम किराये वाले कमरों के लिए जीएसटी जुटाना शुरू कर दिया था. जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर 1,000 रुपये किराये वाले होटल कमरों को पहले की छूट श्रेणी से 12 फीसदी के जीएसटी स्लैब के तहत लाया गया था.
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FIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 19:16 IST