Guidelines: ‘फ्लाइट्स में सबसे कम किराए वाला टिकट लें, 21 दिन पहले करें बुकिंग’, सरकारी कर्मचारियों के लिए नए निर्देश, क्या है वजह?


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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सफर के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब सरकार के अलग-अलग विभागों से जुड़े अफसर और कर्मी अगर विमान से सफर करने के अधिकारी हैं तो उन्हें फ्लाइट में सबसे कम किराए वाला टिकट ही बुक करना होगा। उनका यह सस्ता टिकट फ्लाइट की उसी क्लास में होगा, जो उनके लिए पहले से ही तय होगा। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को यात्रा से 21 दिन पहले ही टिकट बुक करा लेनी होंगी और इससे जुड़ी जानकारी मंत्रालय के साथ शेयर करनी होगी। 

वित्त मंत्रालय के इस फैसले के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सरकारी कर्मचारियों के लिए इस तरह का आदेश जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या सरकारी कर्मियों की यात्राओं को लेकर कुछ और नियम भी जारी हुए हैं? इसके अलावा पुराने बकाया को लेकर वित्त मंत्रालय ने बाकी मंत्रालयों को क्या निर्देश दिया है?

सरकारी कर्मियों के लिए और क्या निर्देश?

1. पहले से बुक करें टिकट, लेकिन कैंसलेशन से बचें
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारियों को पहले से ही तय यात्रा के चरण के लिए सिर्फ एक टिकट बुक करना चाहिए। अगर उनके यात्रा कार्यक्रम की मंजूरी बाकी है, तो भी उन्हें टिकट बुक कर लेना चाहिए। इसके अलावा सरकारी कर्मियों को बेवजह के टिकट कैंसलेशन से बचना चाहिए। 

2. यात्रा के 24 घंटे पहले रद्द किया टिकट तो लिखित स्पष्टीकरण दें
मंत्रालय ने कहा है कि अगर कोई बुकिंग कैंसल होती है तो उसे यात्रा के समय से कम से कम 72 घंटे पहले कैंसल कर देना चाहिए। अगर कर्मचारियों ने टिकट यात्रा से कम से कम 24 घंटे पहले टिकट बुकिंग कैंसल नहीं की, तो उन्हें लिखित स्पष्टीकरण विभाग में जमा करना पड़ेगा। 

3. नॉन स्टॉप फ्लाइट बुक करें कर्मचारी
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के मेमोरैंडम के मुताबिक, कर्मचारी अगर विमान में टिकट बुक कर रहे हैं तो वे नॉन स्टॉप फ्लाइट बुक करने को प्राथमिकता दें। दरअसल, नॉन स्टॉप फ्लाइट्स के मुकालबे स्टॉपेज वाली फ्लाइट्स में किराया ज्यादा होता है। ऐसे में सरकार की तरफ से यह निर्देश भी आया है। 

4. पहले से तय बुकिंग एजेंट्स से ही बुक करें टिकट
व्यय विभाग ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी एक टूर के लिए सिर्फ पहले से ही तय बुकिंग एजेंट्स के जरिए टिकट बुक करें। मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारी तीन मान्य ट्रैवल एजेंट्स- बामर लॉरी एंड कंपनी, अशोक ट्रैवल एंड टूर्स और आईआरसीटीसी के जरिए ही टिकट बुक कर सकते हैं।

5. एक से ज्यादा टिकट बुक न करें कर्मचारी
मेमोरैंडम में कहा गया है कि सरकारी कर्मी डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा दें और अपनी यात्रा के एक चरण के लिए एक ही टिकट बुक करें। एक बार में एक से ज्यादा टिकट लेकर चलना मान्य नहीं होगा। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में लोग अधिकतम दो टिकट साथ लेकर चल सकते हैं। यह छूट भी उन्हें तभी मिलेगी जब उन्होंने यात्रा के उसी चरण के लिए एक वैकल्पिक फ्लाइट में बुकिंग ली होगी। लेकिन उन्हें इसके लिए स्पष्टीकरण देना होगा। अगर किसी स्थिति में कर्मचारी ने अनाधिकृत ट्रैवल एजेंट से टिकट बुक कर लिया है, तो इस मामले में छूट सिर्फ संयुक्त सचिव या इससे ऊपर का अधिकारी दे सकता है।

सरकार ने क्यों बनाए ये नियम?
बताया गया है कि सरकार अब अपने अतिरिक्त वित्तीय खर्चों को कम करने का लक्ष्य रख रही है। इसकी एक वजह है पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में हुई कटौती। दरअसल, सरकार को इस कटौती के कारण राजस्व में कमी देखने को मिल रही है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर तेल के दाम बढ़ने और घरेलू स्तर पर इसकी कीमत पर लगाम लगाने की वजह से सरकार की कमाई पर आगे भी असर रहने की संभावना है। 

इसके अलावा सरकार ने हालिया समय में कई उत्पादों के आयात में लगने वाली कस्टम ड्यूटी में भी छूट दी है। दूसरी तरफ फर्टिलाइजर पर दी जाने वाली सब्सिडी और मुफ्त राशन योजना पर सरकार के बढ़े खर्च की भरपाई करने के लिए सरकार धीरे-धीरे कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं को कम करने की योजना बना रही है। 

इस खर्च को पूरा करने के लिए व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों को यात्रा पूरी होने के 30 दिन के अंदर ही पूरा बकाया भुगतान करें। मंत्रालयों को पिछले सारे बकाया 31 अगस्त 2022 तक चुकाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

विस्तार

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सफर के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब सरकार के अलग-अलग विभागों से जुड़े अफसर और कर्मी अगर विमान से सफर करने के अधिकारी हैं तो उन्हें फ्लाइट में सबसे कम किराए वाला टिकट ही बुक करना होगा। उनका यह सस्ता टिकट फ्लाइट की उसी क्लास में होगा, जो उनके लिए पहले से ही तय होगा। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को यात्रा से 21 दिन पहले ही टिकट बुक करा लेनी होंगी और इससे जुड़ी जानकारी मंत्रालय के साथ शेयर करनी होगी। 

वित्त मंत्रालय के इस फैसले के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सरकारी कर्मचारियों के लिए इस तरह का आदेश जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या सरकारी कर्मियों की यात्राओं को लेकर कुछ और नियम भी जारी हुए हैं? इसके अलावा पुराने बकाया को लेकर वित्त मंत्रालय ने बाकी मंत्रालयों को क्या निर्देश दिया है?

सरकारी कर्मियों के लिए और क्या निर्देश?

1. पहले से बुक करें टिकट, लेकिन कैंसलेशन से बचें

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारियों को पहले से ही तय यात्रा के चरण के लिए सिर्फ एक टिकट बुक करना चाहिए। अगर उनके यात्रा कार्यक्रम की मंजूरी बाकी है, तो भी उन्हें टिकट बुक कर लेना चाहिए। इसके अलावा सरकारी कर्मियों को बेवजह के टिकट कैंसलेशन से बचना चाहिए। 

2. यात्रा के 24 घंटे पहले रद्द किया टिकट तो लिखित स्पष्टीकरण दें

मंत्रालय ने कहा है कि अगर कोई बुकिंग कैंसल होती है तो उसे यात्रा के समय से कम से कम 72 घंटे पहले कैंसल कर देना चाहिए। अगर कर्मचारियों ने टिकट यात्रा से कम से कम 24 घंटे पहले टिकट बुकिंग कैंसल नहीं की, तो उन्हें लिखित स्पष्टीकरण विभाग में जमा करना पड़ेगा। 

3. नॉन स्टॉप फ्लाइट बुक करें कर्मचारी

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के मेमोरैंडम के मुताबिक, कर्मचारी अगर विमान में टिकट बुक कर रहे हैं तो वे नॉन स्टॉप फ्लाइट बुक करने को प्राथमिकता दें। दरअसल, नॉन स्टॉप फ्लाइट्स के मुकालबे स्टॉपेज वाली फ्लाइट्स में किराया ज्यादा होता है। ऐसे में सरकार की तरफ से यह निर्देश भी आया है। 

4. पहले से तय बुकिंग एजेंट्स से ही बुक करें टिकट

व्यय विभाग ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी एक टूर के लिए सिर्फ पहले से ही तय बुकिंग एजेंट्स के जरिए टिकट बुक करें। मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारी तीन मान्य ट्रैवल एजेंट्स- बामर लॉरी एंड कंपनी, अशोक ट्रैवल एंड टूर्स और आईआरसीटीसी के जरिए ही टिकट बुक कर सकते हैं।

5. एक से ज्यादा टिकट बुक न करें कर्मचारी

मेमोरैंडम में कहा गया है कि सरकारी कर्मी डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा दें और अपनी यात्रा के एक चरण के लिए एक ही टिकट बुक करें। एक बार में एक से ज्यादा टिकट लेकर चलना मान्य नहीं होगा। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में लोग अधिकतम दो टिकट साथ लेकर चल सकते हैं। यह छूट भी उन्हें तभी मिलेगी जब उन्होंने यात्रा के उसी चरण के लिए एक वैकल्पिक फ्लाइट में बुकिंग ली होगी। लेकिन उन्हें इसके लिए स्पष्टीकरण देना होगा। अगर किसी स्थिति में कर्मचारी ने अनाधिकृत ट्रैवल एजेंट से टिकट बुक कर लिया है, तो इस मामले में छूट सिर्फ संयुक्त सचिव या इससे ऊपर का अधिकारी दे सकता है।

सरकार ने क्यों बनाए ये नियम?

बताया गया है कि सरकार अब अपने अतिरिक्त वित्तीय खर्चों को कम करने का लक्ष्य रख रही है। इसकी एक वजह है पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में हुई कटौती। दरअसल, सरकार को इस कटौती के कारण राजस्व में कमी देखने को मिल रही है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर तेल के दाम बढ़ने और घरेलू स्तर पर इसकी कीमत पर लगाम लगाने की वजह से सरकार की कमाई पर आगे भी असर रहने की संभावना है। 

इसके अलावा सरकार ने हालिया समय में कई उत्पादों के आयात में लगने वाली कस्टम ड्यूटी में भी छूट दी है। दूसरी तरफ फर्टिलाइजर पर दी जाने वाली सब्सिडी और मुफ्त राशन योजना पर सरकार के बढ़े खर्च की भरपाई करने के लिए सरकार धीरे-धीरे कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं को कम करने की योजना बना रही है। 

इस खर्च को पूरा करने के लिए व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों को यात्रा पूरी होने के 30 दिन के अंदर ही पूरा बकाया भुगतान करें। मंत्रालयों को पिछले सारे बकाया 31 अगस्त 2022 तक चुकाने के भी निर्देश दिए गए हैं।



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