Gupta Brothers Arrested: कभी सहारनपुर में राशन बेचते थे गुप्ता ब्रदर्स, जानें दक्षिण अफ्रीका सरकार में दखल की पूरी कहानी


दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार रहे गुप्ता बंधुओं को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने इसकी पुष्टि की। गुप्ता बंधुओं पर अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। ये गुप्ता बंधु उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं।

आइए जानते हैं कि कैसे सहारनपुर में राशन की छोटी सी दुकान चलाते वाले गुप्ता बंधु अफ्रीका के सबसे अमीर उद्योगपति बन गए। जानिए इनकी पूरी कहानी… 

 

पहले गुप्ता ब्रदर्स को जान लीजिए

गुप्ता ब्रदर्स तीन भाई हैं। अजय (50 साल), अतुल (47 साल) और राजेश (44 साल)। इन सभी का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ। गुप्ता बंधुओं के पिता शिवकुमार गुप्ता की सहारनपुर में राशन की दुकान थी। इसके अलावा वो मसालों की सप्लाई भी करते थे। उनके मसाले विदेशों में भी सप्लाई होते थे। उनकी एक कंपनी गुप्ता एंड कंपनी टेलकम पाउडर थी। ये सोपस्टोर पाउडर की सप्लाई करती थी। आज से 30 से 40 साल पहले शिवकुमार गुप्ता का सहारनपुर के रानी बाजार में एक बड़ा मकान था। वह उन चुनिंदा लोगों में थे, जिनके पास कार थी। 

 

सहानपुर में पढ़ाई हुई और फिर अफ्रीका में कारोबार शुरू कर लिया

तीनों भाइयों की पढ़ाई सहारनपुर में हुई। तीनों ने यहां के जेवी जैन कॉलेज से स्नातक किया। बड़े भाई अजय ने बी कॉम किया और फिर सीए की पढ़ाई की। अतुल ने बीएससी की और कम्प्यूटर हार्डवेयर और असेंबलिंग का कोर्स किया। छोटे भाई राजेश ने बीएससी की। अतुल ने पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिन दिल्ली के हयात होटल में नौकरी की और फिर दक्षिण अफ्रीका चले गए। कुछ दिनों में ही उन्होंने विकास की ओर बढ़ रहे अफ्रीका को समझ लिया और यहां छोटा सा बिजनेस शुरू कर दिया। बिजनेस आगे बढ़ा तो उन्होंने अपने भाइयों को भी अफ्रीका बुला लिया।  

 

कंप्यूटर के बिजनेस में कदम रखा और बन गए नंबर वन

गुप्ता ब्रदर्स ने 1993 में अफ्रीका अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत की। उस जमाने में कंप्यूटर का प्रचलन शुरू ही हुआ था। देखते ही देखते गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी दक्षिण अफ्रीका में नंबर वन हो गई। इसके बाद गुप्ता बंधुओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग की इंडस्ट्री में कदम रखा। इसके बाद गुप्ता ब्रदर्स ने न्यूज इंडस्ट्री में भी कदम रखा। तीनों भाइयों ने पहले ‘न्यूज एज’ नाम से पहले अखबार चलाया और फिर कई न्यूज चैनल के मालिक बन गए। 

 

पिता की मौत के बाद पूरा परिवार अफ्रीका में बस गया

1994 में गुप्ता ब्रदर्स ने 1.4 मिलियन रेंड से कंपनी करेक्ट मार्केटिंग शुरू की थी। महज तीन साल में ये 97 मिलियन रेंड की कंपनी में बदल गई। इसमें 10 हजार कर्मचारी थे। इसके बाद उनका बिजनेस बढ़ता ही चला गया। 1994 में ही पिता के निधन के बाद करीब-करीब पूरा परिवार दक्षिण अफ्रीका आ गया। मां अंगूरी को छोड़कर सभी ने दक्षिण अफ्रीका की नागरिकता ले ली। 

 



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