सार
जींद में 1000 में 996 लिंगानुपात है। प्रदेश में पलवल (973) दूसरे, भिवानी (959) तीसरे नंबर पर रहा है। सबसे अंतिम पायदान पर महेंद्रगढ़ जिला रहा।
ख़बर सुनें
विस्तार
हरियाणा के जींद जिले में लिंगानुपात में काफी सुधार आया है। लिंगानुपात के मामले में सभी जिलों को पछाड़ते हुए जींद ने पहला स्थान हासिल किया है। पलवल दूसरे तथा भिवानी तीसरे स्थान पर रहा। महेंद्रगढ़ जिला सबसे अंतिम स्थान पर रहा है। डीसी डॉ. मनोज कुमार ने इसके लिए सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान को बधाई दी है। स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर लोगों को बेटा-बेटी में अंतर नहीं करने पर जागरूक करता है। यह इसी का परिणाम है।
स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से इस वर्ष मार्च महीने तक के आंकड़े जारी किए गए। इसके अनुसार जींद जिले में लिंगानुपात एक हजार में 996 रहा। यह प्रदेश में सबसे अधिक है। वहीं पलवल में 973 का आंकड़ा रहा, जो कि दूसरे स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पर भिवानी में लिंगानुपात का आंकड़ा 959 रहा।
भिवानी जिला तीसरे स्थान पर रहा। सिरसा 950, रोहतक 946, गुरुग्राम 944, फतेहाबाद 944 तथा सबसे अंतिम पायदान पर महेंद्रगढ़ में लिंगानुपात का आंकड़ा एक हजार पर 869 रहा। आर्थिक रूप से पिछड़ा जींद जिला बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं समझता। पिछले वर्ष जिले में लिंगानुपात 886 था। इस वर्ष इससे भी आगे जींद ने कदम बढ़ाया है।
हरियाणा के बीच में स्थित जींद जिला पहले कन्या भ्रूण हत्या के मामले में काफी बदनाम रहा है। इन सबसे सीख लेते हुए इस बार जींद के लोगों ने बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन भी समय-समय पर लोगों को लिंगानुपात के बारे में जागरूक करता है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर जागरूकता शिविर लगाते हैं। इसमें बेटियों को बेटों के समान ही बताया जाता है।
प्रशासन का मिला भरपूर सहयोग
सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हमेशा प्रयास करता रहता है कि लोग बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझें। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर लगाए जाते हैं। शिक्षित लोग बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अब बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझते हैं। पूरे स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में काफी मेहनत की है। जिला प्रशासन का भी इसमें काफी सहयोग मिला है।
स्वास्थ्य विभाग का लिंगानुपात को सुधारने में काफी सहयोग रहा है। सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान के साथ-साथ पूरा स्टाफ बधाई का पात्र है। पूरे प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में जिला प्रथम रहने पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिले के लोगों को भी बधाई। जिस प्रकार लिंगानुपात में जिला प्रथम रहा है, उसी प्रकार विकास के मामले में भी जिले को आगे ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। -डॉ. मनोज कुमार, डीसी।