न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Tue, 12 Apr 2022 01:25 AM IST
सार
कक्षा पांचवीं और आठवीं पास करने वाली बालिकाओं का दाखिला 12 से 16 अप्रैल तक कराना होगा। पांचवीं व आठवीं कक्षा पास करने वाली जिन बालिकाओं ने अगली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया उनकी पहचान 17 अप्रैल से की जाएगी।
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विस्तार
शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र के अनुसार कक्षा नौंवी में दाखिले के लिए 12 अप्रैल से 20 अप्रैल तक की तिथि रखी गई है। सभी स्कूलों को 20 अप्रैल तक दाखिला रिपोर्ट बनाकर खंड और जिला स्तर पर उपलब्ध करानी होगी। नामांकन (दाखिलों) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को इस बार भी सम्मानित किया जाएगा। जिन स्कूलों में पिछले साल की अपेक्षा नामांकन कम होगा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
निदेशालय ने निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक, कक्षा प्रभारी और स्कूल मुखिया प्रत्येक ड्राप आउट विद्यार्थी को अपनी जिम्मेदारी समझें और हर हाल में उसका दाखिला सुनिश्चित करें। इसके अलावा प्रत्येक ऐसे विद्यार्थी जिसका स्कूल बदल रहा है, जैसे पांचवीं से छठी, आठवीं से नौवीं और दसवीं से ग्यारहवीं में जाने वाले विद्यार्थियों का एसआरएन से दाखिला अगली कक्षा या स्कूल में होगा, दाखिला कराने की जिम्मेदारी पिछले स्कूल की होगी।
दाखिला नहीं लेने वाली बालिकाओं के परिजनों से साधेंगे संपर्क
कक्षा पांचवीं और आठवीं पास करने वाली बालिकाओं का दाखिला 12 से 16 अप्रैल तक कराना होगा। पांचवीं व आठवीं कक्षा पास करने वाली जिन बालिकाओं ने अगली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया उनकी पहचान 17 अप्रैल से की जाएगी। 18 अप्रैल को स्कूल के शिक्षक बालिकाओं के परिजनों से संपर्क साधेंगे। पहचान की गईं बालिकाओं की सूचना 20 अप्रैल तक बीईओ और डीईओ को भेजना होगा।
इसलिए ड्राप आउट होते हैं विद्यार्थी
निदेशालय ने अपने पत्र में ड्राप आउट के कारण भी बताए हैं। इनमें सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया की पेचीदगी और तत्परता की कमी होना पाया है। साथ ही पड़ोस विद्यालयों की ओर से नए बच्चों के स्वागत की तैयारी में कमी, जनसंपर्क और योजना क्रियान्वयन का अभाव होना है। इसके अलावा स्कूली स्तर की अन्य कठिनाइयां और ब्रांडिंग की कमी के चलते भी नए विद्यार्थी कम आते हैं। प्रवासी मजदूरों, स्लम बस्तियों और भट्ठों आदि पर सर्वे नहीं होना भी एक कारण है। विभाग ने आदेश दिया है कि इन सभी खामियों को दूर कर स्कूलों और विभाग की नीतियों का जोर शोर से प्रचार किया जाए।