Health: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक रखेगी सेहत का ख्याल, दिल का दौरा पड़ने से पहले करेगी अलर्ट


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शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जो हृदय रोगों के बारे में पहले ही जानकारी देगी और दिल के दौरे को भी टाल सकती है।
हाल में हुई एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने कहा कि इसकी मदद से हृदय की धमनियों में किसी तरह की रुकावट या थक्का जमने का पता लगाया जा सकेगा।

नई तकनीक ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) का इस्तेमाल धमनियों की सेहत की जांच के लिए किया जाएगा। यह जांच इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि धमनियों को हुआ नुकसान दिल के दौरे की वजह बन सकता है। चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक साइंट एंड टेक्नोलॉजी में रिसर्च करने वाले झाओ ने कहा, अगर कोलेस्ट्रॉल प्लॉक लाइनिंग के चलते धमनियों को नुकसान पहुंचता है, तो हृदय में पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह अचानक कम हो जाता है। यह आगे चलकर ‘अक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम’ की वजह बन सकता है। नए तरीके के इसका निदान आसान हो जाएगा।

एआई की मदद से होती है डाटा प्रोसेसिंग
ओसीटी एक ऑप्टिकल इमेजिंग तकनीक है, जिसका इस्तेमाल खून नसों और कोरोनरी धमनियों की 3डी फोटो तैयार करने के लिए किया जा सकता है। ‘बायोमेडिकल ऑप्टिक्स एक्सप्रेस’ में प्रकाशित स्टडी के शीर्ष लेखक झाओ वांग ने कहा कि यह तकनीक पहले भी इस्तेमाल होती रही है, लेकिन इसके चलते तैयार होने वाले डाटा की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसे समझना आसान नहीं होता। इस परेशानी से निपटने के लिए शोधकर्ताओं ने ओसीटी को तैयार किया है।

दो चरणों में काम करता है नया मॉडल
ओसीटी मॉडल दो प्राइमरी चरणों पर काम करता है, इसमें सबसे पहले एक एआई मॉडल वास्तविक चित्र का न्यूरल नेटवर्क विश्लेषण करता है। इसके बाद दूसरे चरण में मौजूदा शेप इन्फॉर्मेशन से डाटा की तुलना की जाती है और पता लगाया जाता है कि धमनियों के कौन से हिस्से प्रभावित हुए हैं। इसके बाद यह एक चिकित्सक की तरह बीमारी का पता लगा लेता है।

धमनियों के नुकसान की 80 प्रतिशत तक जानकारी
शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह मॉडल 80 प्रतिशत धमनियों के नुकसान से जुड़े मामलों की 73 प्रतिशत सटीकता से जानकारी दे सकता है। उन्होंने बताया कि उन्हें एक खास एआई मॉडल तैयार करना पड़ा, जिसके की-फीचर्स में ओसीटी इमेजेस में से कमियां खोजना शामिल है। यह तकनीक अभी मरीजों में धमनियों के नुकसान की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अब तक की सबसे उन्नत प्रणाली है।

विस्तार

शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जो हृदय रोगों के बारे में पहले ही जानकारी देगी और दिल के दौरे को भी टाल सकती है।

हाल में हुई एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने कहा कि इसकी मदद से हृदय की धमनियों में किसी तरह की रुकावट या थक्का जमने का पता लगाया जा सकेगा।

नई तकनीक ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) का इस्तेमाल धमनियों की सेहत की जांच के लिए किया जाएगा। यह जांच इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि धमनियों को हुआ नुकसान दिल के दौरे की वजह बन सकता है। चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक साइंट एंड टेक्नोलॉजी में रिसर्च करने वाले झाओ ने कहा, अगर कोलेस्ट्रॉल प्लॉक लाइनिंग के चलते धमनियों को नुकसान पहुंचता है, तो हृदय में पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह अचानक कम हो जाता है। यह आगे चलकर ‘अक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम’ की वजह बन सकता है। नए तरीके के इसका निदान आसान हो जाएगा।

एआई की मदद से होती है डाटा प्रोसेसिंग

ओसीटी एक ऑप्टिकल इमेजिंग तकनीक है, जिसका इस्तेमाल खून नसों और कोरोनरी धमनियों की 3डी फोटो तैयार करने के लिए किया जा सकता है। ‘बायोमेडिकल ऑप्टिक्स एक्सप्रेस’ में प्रकाशित स्टडी के शीर्ष लेखक झाओ वांग ने कहा कि यह तकनीक पहले भी इस्तेमाल होती रही है, लेकिन इसके चलते तैयार होने वाले डाटा की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और उसे समझना आसान नहीं होता। इस परेशानी से निपटने के लिए शोधकर्ताओं ने ओसीटी को तैयार किया है।

दो चरणों में काम करता है नया मॉडल

ओसीटी मॉडल दो प्राइमरी चरणों पर काम करता है, इसमें सबसे पहले एक एआई मॉडल वास्तविक चित्र का न्यूरल नेटवर्क विश्लेषण करता है। इसके बाद दूसरे चरण में मौजूदा शेप इन्फॉर्मेशन से डाटा की तुलना की जाती है और पता लगाया जाता है कि धमनियों के कौन से हिस्से प्रभावित हुए हैं। इसके बाद यह एक चिकित्सक की तरह बीमारी का पता लगा लेता है।

धमनियों के नुकसान की 80 प्रतिशत तक जानकारी

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह मॉडल 80 प्रतिशत धमनियों के नुकसान से जुड़े मामलों की 73 प्रतिशत सटीकता से जानकारी दे सकता है। उन्होंने बताया कि उन्हें एक खास एआई मॉडल तैयार करना पड़ा, जिसके की-फीचर्स में ओसीटी इमेजेस में से कमियां खोजना शामिल है। यह तकनीक अभी मरीजों में धमनियों के नुकसान की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अब तक की सबसे उन्नत प्रणाली है।



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