राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में भारी क्रॉस वोटिंग, विपक्षी एकता को लगा बड़ा झटका


हाइलाइट्स

गैर-एनडीए दलों के अलावा, 17 सांसद और 102 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
द्रौपदी मुर्मू को सभी वोटों का लगभग 70 प्रतिशत मत मिला
असम, छत्तीसगढ़ और एमपी समेत कई राज्यों में क्रॉस वोटिंग

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में भारी क्रॉस-वोटिंग से द्रौपदी मुर्मू को बड़ी जीत मिली. विपक्षी दलों के विधायक और सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान किया. इससे विपक्षी एकता में कमी साफ नजर आई और मोदी सरकार के खिलाफ बड़े विपक्षी मोर्चे की संभावना को झटका लगा है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के शुरू से ही जीतने की उम्मीद थी. द्रौपदी मुर्मू को सभी वोटों का लगभग 70 प्रतिशत मत मिला. जिसने विपक्षी दलों और यहां तक ​​कि यूपीए खेमे के अंदर भी दरार को उजागर कर दिया है.

लगभग आधा दर्जन गैर-एनडीए दलों के अलावा, 17 सांसदों और करीब 102 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के लिए क्रॉस-वोट किया और कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के साथ जाने से इनकार कर दिया. मतगणना पूरी होने के बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.

वहीं तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को घोषणा की कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में शामिल नहीं होगी और यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के साथ नहीं होगी. जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को वोट देने के मामले में हुआ था. संसद में सबसे बड़े विपक्षी दलों में से एक टीएमसी ने कहा कि अल्वा को यूपीए के उपाध्यक्ष के रूप में घोषित करने से पहले कांग्रेस ने उससे सलाह नहीं ली थी.

गैर एनडीए दल और कांग्रेस विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

इसके साथ ही एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के लिए जीत का रास्ता साफ हो गया है. जो संयोग से राज्यपाल के रूप में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की आंखों का कांटा थे. यूपीए अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए टीएमसी को बोर्ड में लाने में विफल रहा है और यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के खिलाफ 2024 में एक बड़ा विपक्षी मोर्चा बनाने के प्रयासों के लिए बड़ा झटका है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने News18 को बताया कि विपक्षी दलों से एकता की उम्मीद कम है. क्योंकि जब यूपीए के सहयोगी और गैर-एनडीए दल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक साथ नहीं आ पाए, जो कि प्रतीकात्मक चुनाव हैं फिर जनादेश के लिए लोगों के सामने कैसे जाएंगे.

उन्होंने कहा कि, आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू में एनडीए की उम्मीदवार बनी, जिन्हें कई विपक्षी दलों ने वोट दिए. कांग्रेस के सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा और यूपीए के कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोट किया. क्योंकि वे या तो आदिवासी सांसद या विधायक थे या किसी महिला को वोट देना चाहते थे.

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी यूपीए के विधायकों ने मुर्मू को क्रॉस वोटिंग की है. अब तक के नतीजे बताते हैं कि असम में 22, छत्तीसगढ़ में 6, झारखंड में 10, मध्य प्रदेश में 19, महाराष्ट्र में 16 और गुजरात में 10 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. सांसदों में से 540 ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया. जो गैर-एनडीए खेमे के बीच एक बड़े विभाजन दर्शाता है.

Tags: Draupadi murmu, Mamata banerjee, Rahul gandhi



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