Hijab Row: कर्नाटक हिजाब विवाद की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती


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कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इस मामले में अगले सप्ताह किसी भी दिन सुनवाई हो सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।
 
वकील प्रशांत भूषण की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए हुआ तैयार
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया कि मामले बहुत पहले दायर किए गए थे लेकिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने बाकी थे। भूषण ने कहा कि लड़कियां पढ़ाई से बाहर हो रही हैं। वहीं पीठ ने कहा इसे अगले सप्ताह किसी समय इस मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में सुनाया था फैसला
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट मुस्लिम छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि, स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बड़ा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 

क्या है हिजाब विवाद?
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।

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कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इस मामले में अगले सप्ताह किसी भी दिन सुनवाई हो सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।

 

वकील प्रशांत भूषण की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए हुआ तैयार

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया कि मामले बहुत पहले दायर किए गए थे लेकिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने बाकी थे। भूषण ने कहा कि लड़कियां पढ़ाई से बाहर हो रही हैं। वहीं पीठ ने कहा इसे अगले सप्ताह किसी समय इस मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष में सुनाया था फैसला

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट मुस्लिम छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि, स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बड़ा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 

क्या है हिजाब विवाद?

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।



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