शहीदों को सलाम: कैसे बताऊं जुगल शहीद हो गया है, भाई बोला- मां ने रखी है पूजा, अक्तूबर में हुई थी कठुआ निवासी अरुण की शादी 


सार

अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर में हिमस्खलन में दबकर जम्मू-कश्मीर के तीन जवानों समेत सेना के सात जांबाज शहीद हो गए। शुमे ग्यातर में घटना उस समय हुई जब 19 जम्मू-कश्मीर राइफल्स का सैन्य दल पेट्रोलिंग पर था। शहीदों में कठुआ के युगल किशोर शर्मा, जम्मू जिले के अरुण काटल और विशाल शर्मा शामिल हैं। 

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अरुणाचल में शहीद हुए जवानों के परिवार अपनों की सलामती की दुआ मांग रहे थे। तहसील खड़ाहबली के गांव डोरी डगेर के जवान सिपाही युगल किशोर शर्मा के बडे़ भाई पूर्व सरपंच गौतम शर्मा ने बताया कि अभी तक माता-पिता और जुगल की पत्नी को नहीं बताया गया है। गौतम ने कहा कि मुझे शहादत की सूचना मिली है। मैं घर से बाहर ही हूं। घर पर क्या और कैसे बताऊं। माता-पिता, जुगल की पत्नी और उसकी नन्हीं बेटी को यह खबर नहीं दे सकता, जिन्होंने आज घर में जुगल की सलामती से पहुंचने के लिए पंडित बैठा कर पूजा रखी है।

दूसरे जवान सिपाही विशाल शर्मा के चाचा ने बताया कि विशाल की माता को अभी तक नहीं बताया गया है। विशाल के चाचा घर के गेट पर खड़े थे, सभी को घर में नहीं आने के लिए मना कर रहे थे कि विशाल की माता को कहीं पता न चल जाए कि उसका बेटा शहीद हो चुका है।

अक्तूबर में हुई थी अरुण की शादी गर्मियों में लौटने का किया था वादा

कठुआ जिले के जंडोर गांव के रहने वाले अरुण काटल की सलामती के लिए परिवार के सदस्य मंगलवार को भी दुआएं करते रहे। अरुण की मां, पत्नी और परिवार के सदस्य यह मानने को तैयार नहीं हैं कि अरुण अब उनके बीच नहीं है। हालांकि गांव में शहादत की सूचना पहुंचने के बाद से मातम पसर गया है। अरुण की शादी अक्तूबर में हुई थी। वह पत्नी और मां से मार्च या अप्रैल में लौटने का वादा करके गया था।

पिता भी सेना से सेवानिवृत्त
शाम तक अरुण के परिजन उसके सकुशल लौटने की दुआएं करते रहे। अरुण की मां सरकार से दिनभर अपील करती रहीं कि लापता बच्चों की तलाश की जाए। गांव के सरपंच प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस की ओर से उन्हें अरुण की शहादत के संबंध में जानकारी दी गई है, लेकिन परिवार के सदस्य पहले ही बेसुध हैं। जब तक संभव हो सकेगा शहादत की खबर परिजनों को नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अरुण के पिता भी सेना से सेवानिवृत्त है।

अरुणाचल में हिमस्खलन से जम्मू-कश्मीर के तीन सैन्य जवानों समेत सात शहीद

अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर में हिमस्खलन में दबकर जम्मू-कश्मीर के तीन जवानों समेत सेना के सात जांबाज शहीद हो गए। रविवार को तवांग जिला मुख्यालय से करीब सौ किलोमीटर दूर कामेंग क्षेत्र में यांगसे के शुमे ग्यातर में घटना उस समय हुई जब 19 जम्मू-कश्मीर राइफल्स का सैन्य दल पेट्रोलिंग पर था। हिमस्खलन के बाद बचाव दल को वहां एयर लिफ्ट कर पहुंचाया गया, परंतु बर्फ में दबे जवानों की जान नहीं बचाई जा सकी।

शहीदों में कठुआ जिले के जंडोर निवासी अरुण, जम्मू के खौड़ के चक मलाल निवासी विशाल शर्मा और डोरी डगेर के रहने वाले युगल किशोर शर्मा शामिल हैं। मंगलवार शाम तक परिवार के सदस्यों को शहादत की सूचना नहीं मिली थी। वे उनकी सलामती की दुआएं कर रहे थे।  सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यांग्से के शुमे ग्यातर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हुई है। जहां जवानों की गश्ती के दौरान यह हादसा हुआ।

पार्थिव शरीर घर भेजे जाने की तैयारी

सभी जवानों के पार्थिव शरीर हिमस्खलन वाली जगह से बरामद किए गए हैं। चीन की सीमा से सटे होने के कारण सेना के जवान यहां लगातार पेट्रोलिंग करते हैं। फिलहाल शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को उनके घर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। 

विस्तार

अरुणाचल में शहीद हुए जवानों के परिवार अपनों की सलामती की दुआ मांग रहे थे। तहसील खड़ाहबली के गांव डोरी डगेर के जवान सिपाही युगल किशोर शर्मा के बडे़ भाई पूर्व सरपंच गौतम शर्मा ने बताया कि अभी तक माता-पिता और जुगल की पत्नी को नहीं बताया गया है। गौतम ने कहा कि मुझे शहादत की सूचना मिली है। मैं घर से बाहर ही हूं। घर पर क्या और कैसे बताऊं। माता-पिता, जुगल की पत्नी और उसकी नन्हीं बेटी को यह खबर नहीं दे सकता, जिन्होंने आज घर में जुगल की सलामती से पहुंचने के लिए पंडित बैठा कर पूजा रखी है।



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