घरेलू टीम का ‘हनुमान’ कैसे बना RCB के लिए संकटमोचक? जन्मदिन से 7 दिन पहले बरपाया बल्ले से कहर


नई दिल्ली. आईपीएल 2022 का एलिमिनेटर मुकाबला, वाकई रोमांच से भरपूर रहा. दोनों टीमों की तरफ से चौके-छक्कों की बरसात हुई. आखिरकार, लखनऊ सुपर जायंट्स फाइनल की दहलीज पर पहुंचकर चूक गई और किस्मत के सहारे प्लेऑफ तक पहुंचीं रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर फाइनल के एक कदम और करीब पहुंच गई. हालांकि, इस मैच में आरसीबी के सलामी बल्लेबाज रजत पाटीदार की बल्लेबाजी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. जिस खिलाड़ी को ऑक्शन में किसी टीम ने नहीं खरीदा. आरसीबी ने भी रिप्लेसमेंट के तौर पर अपने साथ जोड़ा. उसी ने करो या मरो के मुकाबले में शतकीय पारी खेल आरसीबी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई. रजत का 1 जून को जन्मदिन है और उससे 7 दिन पहले ही वो आईपीएल के सितारे बन गए.

यह पहला मौका नहीं है, जब रजत ने अपनी टीम के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई है. वो घरेलू क्रिकेट मध्य प्रदेश की तरफ से खेलते हैं और इस टीम के लिए वो कई बार संकटमोचक साबित हुए हैं. मध्य प्रदेश टीम में उनके साथी रहे ईश्वर पांडे ने इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस को बताया.

रजत असल संकटमोचक है: ईश्वर पांडे
मध्य प्रदेश के पेसर ईश्वर पांडे ने कहा, “रजत संकटमोचक है, हमारी टीम का. वो पहले भी इस तरह की पारी खेल चुका है, जैसी उसने आईपीएल 2022 के एलिमिनेटर में खेली, लेकिन टीवी पर नहीं आने की वजह से लोगों को पहले उसके बारे में ज्यादा पता नहीं था. अब जबकि उसने शतक ठोका है तो वो अब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का भी ‘हनुमान’ हो गया है. मतलब, संकटमोचक.”

रजत को रिप्लेसमेंट प्लेयर के रूप में मौका मिला
बता दें कि रजत पाटीदार 2015 से मध्य प्रदेश की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और अतीत में कई बार अपनी टीम की हार टालने या मुश्किल से उबारने वाली पारी खेल चुके हैं. लेकिन, आईपीएल 2021 में आरसीबी के लिए 4 मैच खेलने के बाद वो इस साल ऑक्शन में अनसोल्ड रह गए थे. नीलामी के एक महीने बाद, मार्च में, पाटीदार को आरसीबी के मुख्य कोच संजय बांगर का फोन आया. उन्होंने रजत को रिप्लेसमेंट प्लेयऱ के रूप में टीम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया. इस तरह रजत की आरसीबी में वापसी हुई और बुधवार को, ईडन गार्डंस में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ महज 54 गेंद में नाबाद 112 रन की तूफानी पारी खेलकर इस बल्लेबाज ने यह बता दिया कि उन्हें क्यों मध्य प्रदेश टीम का संकटमोचक कहा जाता है.

पिता का कारोबार छोड़ क्रिकेटर बने
28 साल के रजत पाटीदार एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका परिवार सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले पाइप का निर्माण करता है. परिवार हमेशा से चाहता था कि अगर क्रिकेट में रजत का करियर परवान नहीं चढ़ता है तो वो बिजनेस संभाले. लेकिन, रजत ने अपने लिए कुछ और सपने बुन रखे थे. मध्य प्रदेश टीम के उनके साथी खिलाड़ी ईश्वर पांडे कहते हैं, “रजत हमेशा से ही क्रिकेटर बनना चाहता था और बिजनेस में उसकी रूचि बिल्कुल नहीं थी. उसे क्रिकेट खेलना पसंद था और अच्छी बात यह थी कि वह कभी भी कड़ी मेहनत करने से नहीं कतराया.”

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गेंदबाज से बने बल्लेबाज
रजत पाटीदार ने एक गेंदबाज के रूप में शुरुआत की थी और अंडर-15 में खेलने के बाद अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित किया. कुछ साल बाद, उन्होंने भारत के पूर्व बल्लेबाज अमय खुरसिया की निगरानी में अपनी बैटिंग तकनीक में जरूरी सुधार किए और एक बल्लेबाज के तौर पर पहले के मुकाबले और मजबूत बनकर उभरे. हालांकि, बीच में चोट के कारण उनका करियर पटरी से उतर सा गया था. लेकिन, उससे उबरकर उन्होंने मैदान पर दमदार वापसी की.

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आईपीएल शतक से मिली असल पहचान
ईश्वर पांडे को आज भी वो दिन याद है, जब रजत ने विजय हजारे ट्रॉफी के अपने डेब्यू सीजन में बंगाल की तरफ से खेल रहे मोहम्मद शमी और अशोक डिंडा के खिलाफ जबरदस्त बल्लेबाजी की थी. ईश्वर कहते हैं, “उस दिन रजत ने जिस तरह शमी और डिंडा के खिलाफ बल्लेबाजी की थी, उसे देखकर ही लग गया था कि लड़का आगे चलकर अपने लिए बड़ा मुकाम जरूर बनाएगा.”

रजत ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 7 शतक लगाए हैं, जबकि घरेलू वनडे में वो तीन सेंचुरी जड़ चुके हैं. लेकिन, आईपीएल में पहले शतक ने सालों मध्य प्रदेश के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले रजत को असल पहचान दिलाई है.

Tags: IPL 2022, Lucknow Super Giants, Rcb, Royal Challengers Bangalore

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