Kisan Vikas Patra: किसान विकास पत्र पर कैसे लगता है टैक्‍स


नई दिल्ली. किसान विकास पत्र योजना यानी केवीपी (Kisan Vikas Patra) पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम है. यह योजना आप 1000 हजार रुपये के निवेश से भी शुरू कर सकते हैं. इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं है. किसान विकास पत्र स्कीम में निवेशक अगर पूरे समय तक बना रहता है तो 124 महीने में पैसा डबल यानी दोगुना हो जाता है. इस योजना में निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. इसमें आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं.

अब सवाल उठता है कि क्या किसान विकास पत्र पर अर्जित ब्याज पर हर साल या मैच्योरिटी के समय टैक्स का भुगतान किया जा सकता है. दरअसल, केवीपी योजना से ब्याज के रूप में प्राप्त आय टैक्सपेयर्स के हाथ में ‘अन्य स्रोतों’ के मद में टैक्सेबल है. इनकम टैक्स एक्ट अन्य स्रोतों से आय पर टैक्सपेयर्स के विकल्प पर कैश या एक्यूरल बेसिस पर टैक्सेशन का प्रावधान करता है.

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यदि टैक्सपेयर्स केवीपी के ब्याज पर ‘कैश बेसिस’ पर टैक्सेशन का विकल्प चुनता है, तो केवीपी से ब्याज पर उसकी मैच्योरिटी के वर्ष में स्लैब रेट्स पर टैक्स लगाया जा सकता है. मौजूदा स्लैब रेट्स के अनुसार केवीपी से ब्याज ऐसी योजना की मैच्योरिटी के समय लगाया जाएगा.

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दूसरी ओर, टैक्सपेयर्स इस तरह के अर्जित ब्याज पर वार्षिक आधार पर टैक्स का पेमेंट करने का विकल्प चुन सकता है ताकि इंस्ट्रूमेंट की अवधि के दौरान टैक्स लायबिलिट को समान रूप से वितरित किया जा सके और हर साल स्लैब रेट्स का लाभ उठाया जा सके.

Tags: Income tax, Kisan Vikas Patra, Post Office

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