IAF चीफ बोले: चीन की हर हरकत का जवाब देने को तैयार, LAC-LoC पर तैनात करेंगे S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम


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चीनी सीमा रेखा पर एक तरफ शांति बनाने के लिए दोनों देशों के बीच 16वें दौर की सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। ऐसे में वायुसेना प्रमुख ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना चीन से निपटने की भी पूरी तैयारी कर रही है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने  कहा कि जब भी चीन की वायुसेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स ( PLAAF) के लड़ाकू विमान सीमा के करीब आते हैं, तो भारतीय वायु सेना तुरंत स्थिति से निपटने के लिए अपने लड़ाकू विमानों से जवाब देती है। इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने ये भी कहा कि हमने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चीन बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है। 

चीनी विमानों की हर हरकत पर नजर
चौधरी ने कहा कि हम चीनी विमानों की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इस दौरान, वार्ता से ठीक पहले भारत को भड़काने की चीनी वायु सेना की कोशिश के कारण पर उन्होंने कहा कि मैं किसी विशेष कारण की ओर इशारा नहीं कर सकता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, लेकिन हम इस पर नजर रख रहे हैं। 

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जून 2020 में गलवान की घटना के बाद से हमने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के साथ अपने रडार तैनात करना शुरू कर दिया था। अब हमने इन सभी रडार को एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली के साथ जोड़ दिया है ताकि हम एलएसी के पार हवाई गतिविधि पर नजर रखने के लिए सक्षम हो सकें।

मोबाइल निगरानी चौकियों की संख्या बढ़ाई
इस दौरान उन्होंने कहा कि वायु सेना ने उत्तरी सीमाओं पर सतह से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता को भी बढ़ाया है और मोबाइल निगरानी चौकियों की संख्या भी बढ़ाई है। हमें वहां तैनात सेना और अन्य एजेंसियों से बहुत सारी जानकारी मिलती है।

स्वदेशीकरण से लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर 
इस दौरान उन्होंने स्वदेशीकरण के माध्यम से अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा भारतीय वायु सेना 114 मल्टीरोल फाइटर विमानों के साथ उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और हल्के लड़ाकू विमान एमके -1 ए और एमके -2 को शामिल करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल वायु सेना को मजबूत करेगा बल्कि नरेंद्र मोदी सरकार की आत्मानिर्भर भारत पहल के तहत  भारतीय विमानन उद्योग को भी भारी बढ़ावा देगा।

रूस की एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को सेना में शामिल करने की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा। सभी डिलीवरी अगले साल के अंत तक पूरी हो जानी चाहिए। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना चाहती है कि थिएटर कमांड की संरचनाएं भविष्य के लिए तैयार हों।  हमें आवश्यकताओं के मुताबिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को समय पर दोनों चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है। 

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चीनी सीमा रेखा पर एक तरफ शांति बनाने के लिए दोनों देशों के बीच 16वें दौर की सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। ऐसे में वायुसेना प्रमुख ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना चीन से निपटने की भी पूरी तैयारी कर रही है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने  कहा कि जब भी चीन की वायुसेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स ( PLAAF) के लड़ाकू विमान सीमा के करीब आते हैं, तो भारतीय वायु सेना तुरंत स्थिति से निपटने के लिए अपने लड़ाकू विमानों से जवाब देती है। इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने ये भी कहा कि हमने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चीन बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है। 

चीनी विमानों की हर हरकत पर नजर

चौधरी ने कहा कि हम चीनी विमानों की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इस दौरान, वार्ता से ठीक पहले भारत को भड़काने की चीनी वायु सेना की कोशिश के कारण पर उन्होंने कहा कि मैं किसी विशेष कारण की ओर इशारा नहीं कर सकता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, लेकिन हम इस पर नजर रख रहे हैं। 

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जून 2020 में गलवान की घटना के बाद से हमने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के साथ अपने रडार तैनात करना शुरू कर दिया था। अब हमने इन सभी रडार को एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली के साथ जोड़ दिया है ताकि हम एलएसी के पार हवाई गतिविधि पर नजर रखने के लिए सक्षम हो सकें।

मोबाइल निगरानी चौकियों की संख्या बढ़ाई

इस दौरान उन्होंने कहा कि वायु सेना ने उत्तरी सीमाओं पर सतह से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता को भी बढ़ाया है और मोबाइल निगरानी चौकियों की संख्या भी बढ़ाई है। हमें वहां तैनात सेना और अन्य एजेंसियों से बहुत सारी जानकारी मिलती है।

स्वदेशीकरण से लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर 

इस दौरान उन्होंने स्वदेशीकरण के माध्यम से अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा भारतीय वायु सेना 114 मल्टीरोल फाइटर विमानों के साथ उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और हल्के लड़ाकू विमान एमके -1 ए और एमके -2 को शामिल करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल वायु सेना को मजबूत करेगा बल्कि नरेंद्र मोदी सरकार की आत्मानिर्भर भारत पहल के तहत  भारतीय विमानन उद्योग को भी भारी बढ़ावा देगा।

रूस की एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को सेना में शामिल करने की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा। सभी डिलीवरी अगले साल के अंत तक पूरी हो जानी चाहिए। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना चाहती है कि थिएटर कमांड की संरचनाएं भविष्य के लिए तैयार हों।  हमें आवश्यकताओं के मुताबिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को समय पर दोनों चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया जा रहा है। 



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