गाड़ियों में अगर ये टेक्नोलॉजी होती तो बच सकती थी 13,000 लोगों की जान, जानें कैसे?


नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि अगर कारों में कार्यात्मक एयरबैग लगाए जाते तो 2020 में देश में 13,022 लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने कहा कि एक ही वर्ष में वाहनों की आमने-सामने टक्कर के बाद मरने वाले कुल 8,598 लोगों को एयरबैग के इस्तेमाल से बचाया जा सकता था.

2020 में आमने-सामने की टक्करों में कम से कम 25,289 लोग मारे गए, जिनमें से 30 प्रतिशत सीधी टक्करों में एयरबैग सही से खुलने से बचाए जा सकते थे. इसी तरह, साइड की टक्करों के कारण 14,271 लोगों की जान चली गई और उनमें से 31 प्रतिशत या 4,424 लोगों की जान साइड एयरबैग के इस्तेमाल से बचाई जा सकती थी. गडकरी ने कहा कि हर साल देश में पांच लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं होती हैं. इनमें 1.5 लाख अपनी जान गंवा देते हैं. इस कारण से, अब कई उपाय कर रहे हैं.

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भारत में शुरू होगा क्रैश टेस्टिंग प्रोग्राम
गडकरी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वाहन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए मानदंड पेश किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “छह एयरबैग अब अनिवार्य हैं. हमने इसे इकोनॉमी मॉडल के लिए भी अनिवार्य बनाने का फैसला किया है.” इसके अतिरिक्त, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक योजना तैयार करने के लिए हितधारकों के परामर्श से एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है, जो भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनसीएपी) के तहत कार की स्टार रेटिंग का परीक्षण और मूल्यांकन करेगा.

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ऐसे होगी टेस्टिंग
इस कार्यक्रम के तहत कारों को एक से पांच स्टार की रेटिंग दी जाएगी. ऑटो निर्माताओं को सुरक्षा-परीक्षण मूल्यांकन कार्यक्रम में स्वेच्छा से भाग लेने और विभिन्न पहचाने गए मापदंडों के संबंध में नए कार मॉडल में उच्च सुरक्षा स्तर शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. मंत्री ने कहा, “हम लोगों के जीवन की रक्षा करना चाहते हैं और इसलिए हम इस रेटिंग प्रणाली को शुरू करने जा रहे हैं.”

Tags: Auto News, Car Bike News, Nitin gadkari, Transport Minister

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