क्रिप्टो ट्रेड पर आज से टैक्स का कानून लागू, उल्लंघन किया तो इतने साल की हो सकती है जेल


नई दिल्ली . भारत में आज से क्रिप्टोकरेंसी समते अन्य डिजिटल एसेट से होने वाले मुनाफे पर टैक्स लगेगा. आज यानी 1 अप्रैल से केंद्रीय बजट 2022 के दौरान प्रस्तावित और संसद में पारित डिजिटल एसेट कानून प्रभावी हो गए हैं. यह भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को टैक्स ब्रैकेट के तहत लाता है हालांकि डिजिटल एसेट का वर्गीकरण अभी भी अस्पष्ट है.

आज से भारत में डिजिटल एसेट की ट्रेडिंग के दौरान होने वाले किसी भी लाभ पर 30 फीसदी टैक्स कटेगा. इसके अलावा, ऐसे किसी भी लेनदेन पर, चाहे उसमें लाभ हो या नुकसान, एक प्रतिशत टीडीएस भी काटा जाएगा. अगर कोई व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता तो उसके लिए समस्या खड़ी हो सकती है.

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7 साल जेल का प्रावधान
भारत के नए क्रिप्टो कानूनों के तहत दोषियों को 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा उन जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
“कर चोरी, चोरी की विशिष्ट प्रकृति के आधार पर, छह महीने से सात साल तक की कैद हो सकती है और राशि अधिक होने पर जुर्माना भी हो सकता है। एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉज (एएससीएल) के निदेशक और सह-संस्थापक देबासिस नायक के अनुसार, अपराध की प्रकृति और स्तर के आधार पर जुर्माना 200 फीसदी तक हो सकता है.

विरोध के बावजूद लागू हुआ कानून
गौरतलब है कि भारतीय क्रिप्टो समुदाय के कई सदस्यों के विरोध के बावजूद वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) पर भारत में टैक्स कानून लागू किए गए. रिसर्च फर्म ट्रिपल ए का अनुमान है कि एशियाई उपमहाद्वीप में 10 करोड़ से अधिक क्रिप्टो मालिक हैं. यह भारत की करीब 1.7 अरब आबादी का 7.3 फीसदी है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म्स को डर है कि इस टैक्स प्रणाली के कारण भारत में कई क्रिप्टो निवेशक पलायन कर सकते हैं.

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किसी तरह की छूट नहीं
भारत सरकार यह साफ कर चुकी है कि वह क्रिप्टो माइनर्स व इस इंडस्ट्री से मुनाफे कमाने वाले किसी भी शख्स को कर में कोई छूट नहीं देगी. इन फैसलों को अन्यायपूर्ण करार देते हुए इनकी काफी आलोचना की जा रही है. दरअसल, क्रिप्टो माइनिंग के लिए आवश्यक उपकरणों की लागत बहुत अधिक होती है और इस तरह के कानून से ऐसे कई लोग हतोत्साहित होंगे जो डिजिटल संपत्ति के इस नए वर्ग के साथ प्रयोग करना चाह रहे थे.

Tags: Crypto, Crypto currency, Income tax, TDS

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