अहम दौरा: चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंचे, कल करेंगे अजित डोभाल और एस जयशंकर से मुलाकात 


एएनआई, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 24 Mar 2022 09:03 PM IST

सार

यह दौरा इस मायने में भी अहम है कि हाल के समय में भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद और गलवान संघर्ष को लेकर विवाद रहा है। विवाद ने पिछले साल गंभीर स्थिति धारण कर ली थी और दोनों देशों ने बड़ी तादाद में सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर दी। 

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंच गए हैं। वह कल एनएसए अजित डोभाल और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। उनका यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर  विश्व में तनाव गहराया हुआ है। भारत और चीन दोनों इस मामले में तटस्थता का रुख अपनाए हुए हैं।  

भारत-चीन सीमा विवाद
यह दौरा इस मायने में भी अहम है कि हाल के समय में भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद और गलवान संघर्ष को लेकर विवाद रहा है। विवाद ने पिछले साल गंभीर स्थिति धारण कर ली थी और दोनों देशों ने बड़ी तादाद में सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर दी। 

इसे लेकर दोनों पक्षों में कमांडर स्तर की बातचीत भी हो रही है, लेकिन अभी तक सैनिकों की वापसी का मुद्दा हल नहीं हो पाया है। इस संबंध में अब तक 12 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। 

ओआईसी बैठक में बयान को लेकर विवादों में आए वांग यी
वहीं, वांग यी इस्लामाबाद में हुए ओआईसी की बैठक में अपने बयान के लिए भी विवादों में हैं। ओआईसी बैठक के दौरान इस्लामाबाद में वांग ने कहा था कि कश्मीर पर हमने आज फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की पुकार सुनी है। चीन भी यही उम्मीद साझा करता है।

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था, हम उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को खारिज करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। चीन सहित अन्य देशों को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मुद्दों को लेकर ऐसा करने से परहेज करता है। 

किसी बयान की आलोचना करते समय किसी विदेश मंत्री का नाम लेना काफी असामान्य माना जाता है और यह इस मामले पर भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।

विस्तार

चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंच गए हैं। वह कल एनएसए अजित डोभाल और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। उनका यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर  विश्व में तनाव गहराया हुआ है। भारत और चीन दोनों इस मामले में तटस्थता का रुख अपनाए हुए हैं।  

भारत-चीन सीमा विवाद

यह दौरा इस मायने में भी अहम है कि हाल के समय में भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद और गलवान संघर्ष को लेकर विवाद रहा है। विवाद ने पिछले साल गंभीर स्थिति धारण कर ली थी और दोनों देशों ने बड़ी तादाद में सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर दी। 

इसे लेकर दोनों पक्षों में कमांडर स्तर की बातचीत भी हो रही है, लेकिन अभी तक सैनिकों की वापसी का मुद्दा हल नहीं हो पाया है। इस संबंध में अब तक 12 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। 

ओआईसी बैठक में बयान को लेकर विवादों में आए वांग यी

वहीं, वांग यी इस्लामाबाद में हुए ओआईसी की बैठक में अपने बयान के लिए भी विवादों में हैं। ओआईसी बैठक के दौरान इस्लामाबाद में वांग ने कहा था कि कश्मीर पर हमने आज फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की पुकार सुनी है। चीन भी यही उम्मीद साझा करता है।

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था, हम उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को खारिज करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। चीन सहित अन्य देशों को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मुद्दों को लेकर ऐसा करने से परहेज करता है। 

किसी बयान की आलोचना करते समय किसी विदेश मंत्री का नाम लेना काफी असामान्य माना जाता है और यह इस मामले पर भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।





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