राजस्थान में भी शराबबंदी?: अध्ययन करने पांच सदस्यीय टीम बिहार पहुंची, गहलोत सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: उदित दीक्षित
Updated Fri, 11 Mar 2022 01:30 PM IST

सार

राजस्थान की एक टीम बिहार में शराबबंदी कानून पर अध्यन कर रही है। अध्यन पूरा होने के बाद सरकार को इसकी रिपार्ट सौंपी जाएगी। अगले साल राज्य में चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शराबबंदी के वादे के साथ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। दस मार्च को आए चुनावी नतीजों में कांग्रेस को करारी हार मिली है, इस कारण कहा जा सकता है कि गहलोत के सामने खुद को साबित करना एक चुनौती हो गया है।  

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बिहार और गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में शराबबंदी कानून लागू हो सकता है। राज्य की गहलोत सरकार की ओर से इसके कुछ संकेत देखने को मिल रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार शराबबंदी के वादे के साथ मैदान में उतर सकती है।

हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, शरबबंदी पर अध्यन करने के लिए राजस्थान की पांच सदस्यीय टीम बिहार पहुंची है। सरकार के निर्देश के अनुसार आबकारी और मद्य संयम नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े पहलुओं पर अध्ययन करने के लिए यह दल बिहार का दौरा कर रहा है। 
 
शराबबंदी पर अध्यन करने के लिए मंगलवार को राजस्थान से बिहार पहुंची टीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। टीम के सदस्यों ने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी के सफल क्रियान्वयन के अध्ययन को लेकर सीएम से उनके आवास पर चर्चा की। टीम बिहार में लागू पूर्ण शराबंदी को कैसे सफल बनाया गया इसकी जानकारी ले रही है। साथ ही इससे सरकार को क्या नुकसान हुआ है इसके बारे में भी अध्यन कर रही है। 

शराब से सरकार का कितना राजस्व घटा 
राजस्थान से बिहार के पटना पहुंची पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व पूजा भारती छाबड़ा कर रही है। पूजा शराब के खिलाफ राजस्थान सहित पूरे देश में कई साल से शराब बंदी को लेकर अभियान चला रही हैं। पूजा ने बताया कि शराबबंदी से बिहार के लोगों को फायदा हुआ है या नुकसान इस बात का आकलन किया जा रहा है। साथ ही इससे सरकार का कितना राजस्व घाट है इसे बारे में भी अध्यन किया जाएगा। टीम के सदस्य बिहार पुलिस, मध निषेध विभाग के अधिकारियों और गृह विभाग के अफसरों से शराब बंदी कानून को लेकर चर्चा करेगी।

सरकार को सौंपी जाएगी रिपार्ट 
पूजा ने बताया कि टीम के सदस्य बिहार के कई जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान यह पता लगाया जाएगा कि शराबबंदी से जमीनी स्तर पर क्या बदलाव हुए हैं। साथ ही लोगों के जीवन स्तर में कितना सुधार आया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओ की मांग पर बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था। इन कानून की चर्चा पूरे देश में हो रही है। यहां अध्यन करने के बाद टीम द्वारा बनाई गई रिपार्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या निर्णय करेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा। 

सीएम ने अधिकारियों को सहयोग के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को राजस्थान से पटना पहुंची टीम का सहयोग करने के निर्देश हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि टीम को राज्य में शराबबंदी के सफल क्रियान्वयन की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। इसमें किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। 

विस्तार

बिहार और गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में शराबबंदी कानून लागू हो सकता है। राज्य की गहलोत सरकार की ओर से इसके कुछ संकेत देखने को मिल रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार शराबबंदी के वादे के साथ मैदान में उतर सकती है।

हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, शरबबंदी पर अध्यन करने के लिए राजस्थान की पांच सदस्यीय टीम बिहार पहुंची है। सरकार के निर्देश के अनुसार आबकारी और मद्य संयम नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े पहलुओं पर अध्ययन करने के लिए यह दल बिहार का दौरा कर रहा है। 

 

शराबबंदी पर अध्यन करने के लिए मंगलवार को राजस्थान से बिहार पहुंची टीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। टीम के सदस्यों ने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी के सफल क्रियान्वयन के अध्ययन को लेकर सीएम से उनके आवास पर चर्चा की। टीम बिहार में लागू पूर्ण शराबंदी को कैसे सफल बनाया गया इसकी जानकारी ले रही है। साथ ही इससे सरकार को क्या नुकसान हुआ है इसके बारे में भी अध्यन कर रही है। 

शराब से सरकार का कितना राजस्व घटा 

राजस्थान से बिहार के पटना पहुंची पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व पूजा भारती छाबड़ा कर रही है। पूजा शराब के खिलाफ राजस्थान सहित पूरे देश में कई साल से शराब बंदी को लेकर अभियान चला रही हैं। पूजा ने बताया कि शराबबंदी से बिहार के लोगों को फायदा हुआ है या नुकसान इस बात का आकलन किया जा रहा है। साथ ही इससे सरकार का कितना राजस्व घाट है इसे बारे में भी अध्यन किया जाएगा। टीम के सदस्य बिहार पुलिस, मध निषेध विभाग के अधिकारियों और गृह विभाग के अफसरों से शराब बंदी कानून को लेकर चर्चा करेगी।

सरकार को सौंपी जाएगी रिपार्ट 

पूजा ने बताया कि टीम के सदस्य बिहार के कई जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान यह पता लगाया जाएगा कि शराबबंदी से जमीनी स्तर पर क्या बदलाव हुए हैं। साथ ही लोगों के जीवन स्तर में कितना सुधार आया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओ की मांग पर बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था। इन कानून की चर्चा पूरे देश में हो रही है। यहां अध्यन करने के बाद टीम द्वारा बनाई गई रिपार्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या निर्णय करेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा। 

सीएम ने अधिकारियों को सहयोग के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को राजस्थान से पटना पहुंची टीम का सहयोग करने के निर्देश हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि टीम को राज्य में शराबबंदी के सफल क्रियान्वयन की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। इसमें किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। 



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