रोहतक: गाजियाबाद में 35000 रुपये में भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, स्वास्थ्य विभाग ने तीन को दबोचा


सार

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन लोगों को रुपयों के साथ दबोचा है। पोर्टेबल मशीन भी बरामद की है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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हरियाणा से गर्भवती महिलाओं को यूपी के गाजियाबाद के महरौली में ले जाकर भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मार कर टीम के तीन सदस्यों को रुपये समेत काबू किया है। इनके पास से भ्रूण लिंग जांच में प्रयोग हो रही पोर्टेबल मशीन भी बरामद की है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 

सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला को कुछ समय से भ्रूण लिंग जांच की शिकायत मिल रही थी। सीएमओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसके लिए टीम गठित की। पीएनडीटी प्रभारी डॉ. अनिलजीत व पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. विकास सैनी के नेतृत्व में टीम ने एक दलाल से संपर्क किया। दलाल ने भ्रूण लिंग जांच के लिए 35 हजार रुपये में सौदा तय किया।

वह गर्भवती महिला को लेकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के गांव महरौली ले गया। यहां एक व्यक्ति बगैर पंजीकरण व चिकित्सक के भ्रूण लिंग जांच करने लगा। इन्हें टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इनके पास से 35 हजार रुपये, पोर्टेबल मशीन बरामद हुई। इस कार्रवाई में गाजियाबाद की एसडीएम शिवांगी अग्रवाल, डॉ. सुनील, उमेश कुमार गुप्ता शामिल रहे। रोहतक की टीम से डॉ. देवेंद्र, डॉ. विजय, जोगेंद्र शामिल रहे। 

पहले भी भ्रूण जांच में फंस चुकी है महिला 
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक महिला नरेश देवी से एक हजार रुपये, मकान मालिक उदयवीर से एक हजार व मशीन लेकर जाने वाला राजकुमार से एक हजार रुपये बरामद किए हैं। इसके अलावा सौदे के तहत शेष बचे 32 हजार रुपये भी पुलिस ने मौके से बरामद किए। गौरतलब है कि कृपाल नगर में रहने वाली नरेश देवी पहले भी भ्रूण लिंग जांच मामले में शामिल रही है। इसे वर्ष 2018 में बाल भवन के पास से पकड़ा गया था। यह केस अभी लंबित है।

यही गर्भवती महिलाओं को महरौली ले जाती रही है। इनके पास न तो पंजीकृत चिकित्सक है और न ही रेडियोलॉजिस्ट। यूपी का रहने वाला बलवान ही भ्रूण लिंग जांच कर उसके लड़की या लड़का होने के बारे में बताता था। यह डॉक्टर भी नहीं है। विभाग ने नरेश देवी, बलवान व उदयवीर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दे दी है। टीम में पुलिस की ओर से एसआई इंद्रपाल, एसआई बिजेंद्र, एएसआई मंजू, एएसआई रेणु, एचसी वीरेंद्र, एचसी सोमवीर शामिल रहे।

विस्तार

हरियाणा से गर्भवती महिलाओं को यूपी के गाजियाबाद के महरौली में ले जाकर भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मार कर टीम के तीन सदस्यों को रुपये समेत काबू किया है। इनके पास से भ्रूण लिंग जांच में प्रयोग हो रही पोर्टेबल मशीन भी बरामद की है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 

सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला को कुछ समय से भ्रूण लिंग जांच की शिकायत मिल रही थी। सीएमओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसके लिए टीम गठित की। पीएनडीटी प्रभारी डॉ. अनिलजीत व पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. विकास सैनी के नेतृत्व में टीम ने एक दलाल से संपर्क किया। दलाल ने भ्रूण लिंग जांच के लिए 35 हजार रुपये में सौदा तय किया।

वह गर्भवती महिला को लेकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के गांव महरौली ले गया। यहां एक व्यक्ति बगैर पंजीकरण व चिकित्सक के भ्रूण लिंग जांच करने लगा। इन्हें टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इनके पास से 35 हजार रुपये, पोर्टेबल मशीन बरामद हुई। इस कार्रवाई में गाजियाबाद की एसडीएम शिवांगी अग्रवाल, डॉ. सुनील, उमेश कुमार गुप्ता शामिल रहे। रोहतक की टीम से डॉ. देवेंद्र, डॉ. विजय, जोगेंद्र शामिल रहे। 

पहले भी भ्रूण जांच में फंस चुकी है महिला 

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक महिला नरेश देवी से एक हजार रुपये, मकान मालिक उदयवीर से एक हजार व मशीन लेकर जाने वाला राजकुमार से एक हजार रुपये बरामद किए हैं। इसके अलावा सौदे के तहत शेष बचे 32 हजार रुपये भी पुलिस ने मौके से बरामद किए। गौरतलब है कि कृपाल नगर में रहने वाली नरेश देवी पहले भी भ्रूण लिंग जांच मामले में शामिल रही है। इसे वर्ष 2018 में बाल भवन के पास से पकड़ा गया था। यह केस अभी लंबित है।

यही गर्भवती महिलाओं को महरौली ले जाती रही है। इनके पास न तो पंजीकृत चिकित्सक है और न ही रेडियोलॉजिस्ट। यूपी का रहने वाला बलवान ही भ्रूण लिंग जांच कर उसके लड़की या लड़का होने के बारे में बताता था। यह डॉक्टर भी नहीं है। विभाग ने नरेश देवी, बलवान व उदयवीर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दे दी है। टीम में पुलिस की ओर से एसआई इंद्रपाल, एसआई बिजेंद्र, एएसआई मंजू, एएसआई रेणु, एचसी वीरेंद्र, एचसी सोमवीर शामिल रहे।



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