IND vs ENG: बुमराह दिखाएंगे सहवाग और रहाणे वाला करिश्मा? जानें पिछले 20 साल में कार्यवाहक कप्तानों का रिकॉर्ड


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एजबेस्टन में शुक्रवार (एक जुलाई) से होने वाले पांचवें टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। बुमराह को रोहित शर्मा के कोरोना संक्रमित होने के बाद टीम की कमान सौंपी गई है। उन्हें इस साल दक्षिण अफ्रीका में टीम का उपकप्तान बनाया गया था। कार्यवाहक कप्तानों की श्रेणी में उनका नाम भी जुड़ गया है, क्योंकि रोहित तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के नियमित कप्तान हैं।

पिछले 20 साल के इतिहास को देखें तो राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और केएल राहुल ने कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभाई। इनमें से द्रविड़, धोनी और कोहली ही आगे चलकर पूर्णकालिक कप्तान बन सके। 2002 से तीन कार्यवाहक जीते हैं तो दो को हार का सामना करना पड़ा है। एक के खाते में ड्रॉ दर्ज है।
राहुल द्रविड़: टीम इंडिया के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ ने यूं तो पहली बार 2003 में टेस्ट की कप्तानी की थी, लेकिन पूर्णकालिक कप्तान के तौर पर उनका पहला टेस्ट मैच 10 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ था। 2003 में द्रविड़ ने पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम का नेतृत्व किया था। नियमित कप्तान सौरव गांगुली उस मैच में नहीं खेले थे। भारत ने न्यूजीलैंड से उस मैच को ड्रॉ कराया था।
वीरेंद्र सहवाग: इस विस्फोटक ओपनर को 2005 में पहली बार श्रीलंका के खिलाफ कप्तानी करने का मौका मिला था। तब पूर्णकालिक कप्तान राहुल द्रविड़ थे। सहवाग ने टीम को श्रीलंका के खिलाफ जीत दिलाई थी। कुल चार टेस्ट में कप्तानी करने वाले सहवाग को नियमित कप्तान नहीं बनाया गया।
महेंद्र सिंह धोनी: 2008 में अनिल कुंबले टेस्ट टीम के कप्तान थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में वह नहीं खेल पाए थे। तब धोनी ने कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभाई थी। उस मैच में टीम इंडिया को जीत मिली थी। उसी साल कुंबले ने संन्यास ले लिया और धोनी को पूर्णकालिक कप्तान बना दिया गया।
विराट कोहली: 2014 के अंत में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर महेंद्र सिंह धोनी एडिलेड टेस्ट में चोट के कारण नहीं खेल पाए थे। कोहली को पहली बार टेस्ट में कप्तानी करने का मौका मिला था। कोहली ने पहली पारी में शतक लगाया था। विराट कोहली कप्तानी में अपने पहले मैच में शतक लगाने वाले चौथे खिलाड़ी बने थे। हालांकि, टीम इंडिया टेस्ट हार गई थी। धोनी ने अगले टेस्ट में वापसी की थी। उसी सीरीज के तीसरे टेस्ट में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया और कोहली को नियमित कप्तान बना दिया गया।
अजिंक्य रहाणे: विराट कोहली के काल में अजिंक्य रहाणे टेस्ट में उपकप्तान थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में कप्तानी की। कोहली के नहीं रहने के कारण उन्हें कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभानी पड़ी। टीम इंडिया ने आठ विकेट से कंगारू टीम को हरा दिया। रहाणे उसके बाद कई मैचों में कार्यवाहक कप्तान ही रहे। कोहली के हटने के बाद खराब फॉर्म के कारण उन्हें कप्तान नहीं बनाया गया। यहां तक कि टेस्ट टीम से बाहर भी हो गए।
केएल राहुल: 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर विराट कोहली जोहानिसबर्ग में दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए। उनके स्थान पर केएल राहुल को कप्तानी करने का मौका मिला। उनके लिए शुरुआत बेहतरीन नहीं रही। राहुल की कप्तानी में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।

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एजबेस्टन में शुक्रवार (एक जुलाई) से होने वाले पांचवें टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। बुमराह को रोहित शर्मा के कोरोना संक्रमित होने के बाद टीम की कमान सौंपी गई है। उन्हें इस साल दक्षिण अफ्रीका में टीम का उपकप्तान बनाया गया था। कार्यवाहक कप्तानों की श्रेणी में उनका नाम भी जुड़ गया है, क्योंकि रोहित तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के नियमित कप्तान हैं।

पिछले 20 साल के इतिहास को देखें तो राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और केएल राहुल ने कार्यवाहक कप्तान की भूमिका निभाई। इनमें से द्रविड़, धोनी और कोहली ही आगे चलकर पूर्णकालिक कप्तान बन सके। 2002 से तीन कार्यवाहक जीते हैं तो दो को हार का सामना करना पड़ा है। एक के खाते में ड्रॉ दर्ज है।



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