यूएनजीए: यूक्रेन के प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहा भारत, कहा- जंग की समाप्ति और मानवीय सहायता पर होना चाहिए ध्यान


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, संयुक्त राष्ट्र
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 24 Mar 2022 10:39 PM IST

सार

यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर भारत इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और महासभा में एक बार प्रस्तावों पर मतदान से अनुपस्थित रहा था।

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यूक्रेन और इसके सहयोगियों ने रूस के हमले के चलते देश में बनी मानवीय संकट की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक प्रस्ताव पेश किया। भारत यहां अनुपस्थित रहा। 193 सदस्यों वाली महासभा ने यूक्रेन पर अपने 11वें विशेष आपात सत्र के दौरान इस प्रस्ताव को अनुमति दे दी। प्रस्ताव के समर्थन में 140 और विरोध में पांच वोट पड़े। 38 सदस्य मतदान से दूर रहे। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने प्रस्ताव से परहेज किया क्योंकि अब हमें शत्रुता की समाप्ति और तत्काल मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। तिरुमूर्ति ने कहा कि महासभा में आज पेश किया गया मसौदा प्रस्ताव इन चुनौतियों पर हमारे अपेक्षित फोकस को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है, इसलिए हम इस प्रस्ताव से दूर रहे।

इस मुद्दे पर पहले भी मतदान से दूर रहा है भारत
इससे पहले बुधवार को संयुक्त भारत समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 12 सदस्य यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव से भी अनुपस्थित रहे थे। यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया था क्योंकि इसे केवल दो वोट मिले थे जबकि पारित होने के लिए कम से कम नौ वोट की आवश्यकता थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में केवल चीन और रूस ने मतदान किया था।

यूएनजीए ने किया तत्काल संघर्ष विराम का आग्रह
आज पेश हुए मसौदा प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा नागरिकों के खिलाफ सभी हमलों को रोकने की अपील भी की गई है। संघर्ष वाले इलाकों में फंसे सभी नागरिकों को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था के लिए भी कहा गया है। महासभा ने यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने वाला यह प्रस्ताव मंजूर किया।

विस्तार

यूक्रेन और इसके सहयोगियों ने रूस के हमले के चलते देश में बनी मानवीय संकट की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक प्रस्ताव पेश किया। भारत यहां अनुपस्थित रहा। 193 सदस्यों वाली महासभा ने यूक्रेन पर अपने 11वें विशेष आपात सत्र के दौरान इस प्रस्ताव को अनुमति दे दी। प्रस्ताव के समर्थन में 140 और विरोध में पांच वोट पड़े। 38 सदस्य मतदान से दूर रहे। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने प्रस्ताव से परहेज किया क्योंकि अब हमें शत्रुता की समाप्ति और तत्काल मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। तिरुमूर्ति ने कहा कि महासभा में आज पेश किया गया मसौदा प्रस्ताव इन चुनौतियों पर हमारे अपेक्षित फोकस को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है, इसलिए हम इस प्रस्ताव से दूर रहे।

इस मुद्दे पर पहले भी मतदान से दूर रहा है भारत

इससे पहले बुधवार को संयुक्त भारत समेत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 12 सदस्य यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव से भी अनुपस्थित रहे थे। यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया था क्योंकि इसे केवल दो वोट मिले थे जबकि पारित होने के लिए कम से कम नौ वोट की आवश्यकता थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में केवल चीन और रूस ने मतदान किया था।

यूएनजीए ने किया तत्काल संघर्ष विराम का आग्रह

आज पेश हुए मसौदा प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा नागरिकों के खिलाफ सभी हमलों को रोकने की अपील भी की गई है। संघर्ष वाले इलाकों में फंसे सभी नागरिकों को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था के लिए भी कहा गया है। महासभा ने यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने वाला यह प्रस्ताव मंजूर किया।



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