स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रोहित राज
Updated Thu, 10 Feb 2022 06:25 PM IST
सार
ऋद्धिमान साहा का भारत के लिए टेस्ट करियर अब करीब-करीब समाप्त हो चुका है। महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद साहा ने उनकी जगह ली थी। अब ऋषभ पंत के टीम में आने के बाद साहा को नजरअंदाज कर दिया गया है।
ऋद्धिमान साहा
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
ऋद्धिमान साहा का भारत के लिए टेस्ट करियर अब करीब-करीब समाप्त हो चुका है। महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद साहा ने उनकी जगह ली थी। अब ऋषभ पंत के टीम में आने के बाद साहा को नजरअंदाज कर दिया गया है। वे टीम इंडिया में दूसरे विकेटकीपर के तौर पर शामिल होते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साहा अब टीम इंडिया की योजना से बाहर हो चुके हैं। इस पर भारत के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा है कि साहा राजनीति के शिकार हुए हैं। वे एक खास ग्रुप के सदस्य नहीं हैं, इसलिए टीम से बाहर हैं।
साहा ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 92 कैच लिए हैं। उन्होंने 12 शिकार स्टंपिंग के जरिए किए हैं। साहा ने अपने करियर में तीन शतक और छह अर्धशतकों की मदद से 1353 रन बनाए। साहा ने रणजी ट्रॉफी से अपना नाम वापस ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टीम प्रबंधन के कुछ सदस्यों ने उन्हें कहा है कि वे भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हैं। इसके बाद साहा ने रणजी ट्रॉफी से हटने का फैसला किया।
सैयद किरमानी ने मिड-डे के हवाले से साहा को कहा, “आपने भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान कभी भी झुके नहीं। यह शानदार है। आप इसलिए बाहर हुए हैं क्योंकि आप किसी खास ग्रुप से नहीं जुड़े हैं। आप राजनीति के शिकार हुए हैं। मैं आपको एक बेहतरीन विकेटकीपर के तौर पर याद रखूंगा।”
साहा को अपना स्थान युवा विकेटकीपर पंत के हाथों गंवाना पड़ा है। उन्हें टीम के साथ लंबे समय से तो रखा जा रहा था, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला। महेंद्र सिंह धोनी के काल में दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल के साथ ऐसा हुआ था। पंत ने पिछले 12 महीनों में शानदार प्रदर्शन करके विकेटकीपिंग के स्थान पर पूरी तरह से अपना पैर जमा लिया है।
किरमानी ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि साहा अभी भी सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं, लेकिन ऋषभ पंत को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के मौके मिल रहे हैं। 37 साल की उम्र में भी साहा अभी भी सबसे बेहतरीन विकेटकीपर हैं। उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ था।