नई दिल्ली. आज से ठीक एक हफ्ते बाद यानी अगले मंगलवार 3 मई को अक्षय तृतीया का त्योहार आ रहा है. इस दिन सोने के आभूषण खरीदने या सोने में निवेश करने को शुभ माना जाता है. बाजार में अभी सोने की कीमत में बड़ी गिरावट दिख रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अभी सोने में पैसे लगाने का सही समय है.
दरअसल, मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज पर पिछले 6 कारोबारी सत्र में सोने का भाव करीब 1,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे आ चुका है. ग्लोबल मार्केट में भी सोने की कीमत करीब एक महीने के निचले स्तर पर चली गई है. ऐसे में निवेशकों के बीच इस बात की शंका उठ रही कि क्या अभी खरीदा जाने वाला सोना निकट भविष्य में मुनाफा देगा.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो बिना किसी संकोच के कर सकते हैं. आने वाले कुछ महीने तक सोने की कीमत में तेजी बनी रहेगी, जिसका सबसे बड़ा कारण महंगाई है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से पहले ही सोन काफी महंगा हो चुका है. हालांकि, पिछले कुछ समय से इसमें गिरावट तो दिखी है लेकिन आगे दोबारा तेजी पकड़ने की गुंजाइश है.
इस साल 60 हजार तक जाएगी कीमत
उन्होंने कहा कि साल 2022 में सोने की कीमत 58 से 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है. इसके कई कारण हैं. सबसे बड़ा कारण दुनियाभर में बढ़ती महंगाई है. चाहे भारत हो या अमेरिका सभी देश खुदरा महंगाई से परेशान हैं. रिजर्व बैंक ने भी पूरे साल के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को करीब 1 फीसदी बढ़ा दिया है. महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत में भी निश्चित तौर पर उछाल आता है. अगर रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध समाप्त भी हो जाता है तो सोने का भाव 50 हजार रुपये से नीचे नहीं जाएगा.
ब्याज दरें बढ़ाने पर थोड़ी नरमी आएगी
केडिया ने कहा कि वैसे तो सोना लगातार महंगा होता जा रहा है, लेकिन अमेरिकी फेड रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दरें बढ़ाने के संकेतों से बीच-बीच में थोड़ी नरमी आ जाती है. कुलमिलाकर सोने का भाव थोड़ा-बहुत नीचे आएगा लेकिन अगर पूरे साल के परिदृश्य को देखें तो इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ही दिखाई दे रही है.
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आईएमएफ की भविष्यवाणी ने बढ़ाई कीमत
अजय केडिया का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से ग्लोबल इकॉनमी के सुस्त पड़ने की भविष्यवाणी के बाद सोने की कीमतों में तेज उछाल आया. IMF ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में ग्लोबल इकॉनमी 3.8 फीसदी के बजाए 3.6 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आती कमजोरी की वजह से भी भारतीय बाजार में सोने की कीमत लगातार बढ़ रही है.
महंगाई के बावजूद खपत में कमी नहीं
भारत में सोने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. साल 2021 में कोविड-19 महामारी और महंगाई के दबाव के बावजूद सोने का रिकॉर्ड आयात हुआ. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा सोने की खपत करने वाला देश है. इससे भी साफ होता है कि मांग जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, सोने की कीमतों में भी इजाफा होता जाएगा.
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