जिम जाना बेहतर है या योग करना, दिल्‍ली एम्‍स की स्‍टडी में हुआ खुलासा


नई दिल्‍ली. भारत में आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई-2022) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. आज से योग दिवस के 100 दिन बचे हैं. ऐसे में काउंटडाउन के उद्धाटन के रूप में योग महोत्सव का आयोजन किया गया. रविवार सुबह विज्ञान भवन में केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत कई केंद्रीय मंत्रालयों की सहभागिता के साथ योग महोत्सव में बताया गया कि आज से देश-विदेश में अगले 100 दिन तक कार्यक्रम किए जाएंगे. इस दौरान मौजूद केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि योग और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की स्वीकृति देकर भारत की जिम्मेदारी और बढ़ा दी है.

सोणोवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवों के सतत आयोजन से आज योग पूरे विश्व में शांति का प्रतीक बन गया है और यह जन स्वास्थ्य को लेकर विश्व का सबसे बड़ा अभियान साबित हो रहा है. उन्‍होंने कहा कि आईडीवाई-2022 के 100 दिनी काउंटडाउन का यह अभियान बीमारी, तनाव और अवसाद से मुक्त होने की यात्रा है और इसमें सभी लोगों को शामिल होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र संगठन से योग को लेकर जो यात्रा शुरू की थी, वह अब विश्व के प्रत्येक देश के कोने-कोने में पहुंच गई है.

वहीं योग महोत्‍सव में मौजूद आयुष सचिव और वैद्य पद्मश्री राजेश कोटेचा ने योग से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ को लेकर विशेष बात साझा की. उन्‍होंने एम्स दिल्ली के एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि संपूर्ण स्वास्थ्य में योग का महत्व साबित हो चुका है. एम्‍स की ओर से जिम जाने वाले और योग का अभ्याय करने वालों के बीच के तुलनात्मक अध्ययन में सामने आया कि योग का अभ्यास करने वालों में सतो गुण और जिम जाने वालों में रजो गुण और तमोगुण की अधिकता देखी गई है.

वहीं मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवरेड्डी ने बताया कि सौ दिन की काउंटडाउन यात्रा में सौ शहरों में सौ से अधिक योग से जुड़ी संस्थाएं योग के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी और योग दिवस पर 21 जून को 75 ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों पर योग के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. आईडीवाई में केंद्रीय विदेश मंत्रालय सहित अन्य कई मंत्रालय सीधा सहयोग कर रहे हैं. यह आयोजन योग को विश्व का सबसे बड़ा अभियान बनाने की कोशिश है.

इस दौरान मौजूद केंद्रीय श्रम-रोजगार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए पर्यावरण मित्र जीवन शैली आज दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है और योग ने विश्व में इसकी राह दिखायी है. उन्होंने कहा कि हमने 30 लाख हेक्टेयर परती भूमि को हरा-भरा करने का संकल्प लिया है. योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है. योग के जरिये पर्यावरण संरक्षण संकल्प पूरे विश्व के लिए जरूरी है. उन्होंने आयुष मंत्रालय से आग्रह किया कि आईडीवाई-2022 काउंटडाउन के कार्यक्रमों का आयोजन 52 बाघ संरक्षण केंद्रों और 49 चयनित झीलों के पास भी करवाएं. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 160 से अधिक देशों में आयुष मंत्रालय के साथ आईडीवाई के तहत आयोजित योग कार्यक्रमों में शामिल होगा.

वहीं केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इस समय पूरे विश्व को स्वास्थ्य और पर्यावरण का ध्यान रखने की जरूरत है. इसके लिए योग से बढ़कर कोई दूसरा उपाय नहीं है. कोरोना काल में सबने महसूस किया है कि मानसिक संतुलन से बढ़कर और कुछ नहीं है और योग जीवन में संतुलन स्थापित करता है.

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