मंगल की इस तस्वीर को नासा के मार्स रीकानिसन्स ऑर्बिटर (MRO) ने कैप्चर किया है। इस रोवर ने मंगल ग्रह की सतह के सैकड़ों मीटर के क्षेत्र को तस्वीर में उतारा है। इमेज का हरेक पिक्सल मंगल ग्रह की सतह पर 25 फीट के बराबर है। तस्वीर में मंगल की सतह पर नीली रेखाएं दिखाई देती हैं जो नजारे को और खूबसूरत बना देती हैं। यह जगह गैम्बो क्रेटर है, जो मंगल के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अलावा जिन ग्रहों को सबसे ज्यादा जाना है, उनमें मंगल आगे है। नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और इसरो समेत तमाम एजेंसियों के मिशन वहां चल रहे है या प्रस्तावित हैं। माना जाता है कि पृथ्वी के अलावा अगर कहीं जीवन मुमकिन है, तो मंगल सबसे भरोसेमंद विकल्प हो सकता है। हालांकि यह एक लंबे शोध का विषय है पर दुनियाभर के वैज्ञानिक एक बात पर सहमत होते हैं कि यह ग्रह दूर से देखने पर लालिमा लिए हुए है। ऐसे में यह कहना है कि मंगल ग्रह लाल नहीं है बल्कि नीले रंग का है, एक मजाक लगता है।
नासा ने जो तस्वीर रिलीज की है, उसमें मंगल ग्रह की सतह के ऊपर साफतौर से नीली रेखाएं दिखाई देती हैं। सवाल है कि यह नीला रंग सच में है या कोई और बात है। असल में यह नासा की इमेज प्रोसेसिंग है। मंगल ग्रह पर दिखाई दे रहा नीला रंग फेक है, यह सिस्टम की प्रोसेसिंग का नतीजा है। मंगल ग्रह का वास्तव रंग लाल ही है। नीली रेखाओं के जरिए नासा ने मंगल ग्रह की सतह की भूवैज्ञानिक संरचना को दिखाया है। इससे वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद मिलेगी कि इस ग्रह की भूगर्भीय संरचना कैसी है।
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