NASA से एक कदम आगे निकलेगा ISRO, शुक्र ग्रह पर भेजेगा शुक्रयान


ISRO जल्द एक नया मील का पत्थर स्थापित करने की तैयारी कर चुका है। चांद और मंगल ग्रह पर अपने मिशन की सफलता के बाद, अब अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन शुक्र ग्रह (Venus) पर अपना शुक्रयान भेजने की तैयारी कर रहा है। यह यान शुक्र ग्रह के बारे में सभी जरूरी जानकारियां इकट्ठा करेगा, जैसे उसकी सतह के नीचे क्या है? या सबसे गर्म ग्रह पर जीवन की संभावना कितनी है? 

India Today की रिपोर्ट में बताया गया है कि ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने शुक्र ग्रह पर हुई एक मीटिंग के बाद बताया कि इसरो के वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के मिशन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस मिशन की लागत का अनुमान भी लगा लिया गया है। इसके अलावा, यह भी पुष्टि कर दी गई है कि भारत सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सहमत हैं।

सोमनाथ का कहना है कि सही उपकरणों के साथ सैटेलाइट को बनाने का काम अभी बाकी है, जिसके बाद मिशन को लॉन्च कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत के लिए शुक्र ग्रह पर मिशन भेजना आसान काम है। इसरो का कहना है कि यदि इस मिशन को 2024 में लॉन्च नहीं कर पाए, तो अगला मौका 2031 में मिलेगा। ऐसा इसलिए,  क्योंकि दोनों ग्रहों एक-दूसरे से एक सीधी रेखा में रहेंगे, जिससे कम ईंधन लगेगा।

रिपोर्ट कहती है कि ISRO प्रमुख ने आगे यह भी कहा कि भारतीय एजेंसी अन्य देशों और स्पेस एजेंसियों की तरह शुक्र ग्रह पर भेजे गए मिशनों की नकल नहीं करेगी। इसके बजाय इसरो बिल्कुल नया प्रयोग आज़माएगा। 

शुक्रयान की बात करें, तो इसमें एक हाई रिजॉल्यूशन सिंथेटिक अपर्चर राडार लगेगा, जो यह ग्रह की सतह की जांच करेगा। इसरो की स्पेस साइंस प्रोग्राम ऑफिसर टी. मारिया एंटोनिटा ने बताया कि अब तक सतह के नीचे की स्टडी किसी देश या स्पेस एजेंसी ने नहीं की है। यह काम दुनिया में भारत पहली बार करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि ISRO शुक्र ग्रह के ऊपर पहली बार सब-सरफेस राडार उड़ाने जा रहा है।

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