NASA ने डायनासोरों की मौजूदगी के जुडी एक बहुत बड़ी खोज का दावा किया है। एजेंसी ने दावा किया है कि टकराने वाले एस्ट्रॉयड के बहुत ही छोटे टुकड़े खोजे गए हैं जो गोंद में जमे पाए गए हैं। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों को उत्तरी डकोटा के हेल क्रीक फॉर्मेशन की एक जीवाश्म साइट पर कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जो बहुत हैरान करने वाली हैं। यह वही जगह है जहां पर डायनासोर का दुनिया से नाम-ओ-निशान मिटने के समय के सबूतों को अवशेषों के रूप में संजोकर रखा गया है। इनमें मलबे में फंसी एक मछली मिली है। इसके बारे में कहा गया है कि इस मछली ने उस मलबे को खाया होगा जो एस्ट्रॉयड की टक्कर के बाद बना होगा। इसके अलावा कछुआ मिला है और डायनासोर का पैर भी मिला है। Dinosaur Apocalypse नाम की डॉक्यूमेंट्री में इस खोज का खुलासा किया गया है।
यह खोज आज की नहीं है, बल्कि 2012 में शुरू की गई थी। इसमें प्रकृतिवादी सर डेविड एटनबरो और जीवाश्म विज्ञानी रॉबर्ट डीपाल्मा को दिखाया गया है। रॉबर्ट 2012 से इस साइट पर काम कर रहे हैं जिसे Tanis कहा जाता है। उन्हें शुरुआत में ही यहां से कुछ सबूत मिले थे कि यहां डायनासोर के अंत से जुड़े कुछ अवशेष हो सकते हैं।
साइट पर मिली जिस मछली की बात की गई है उसके जीवाश्म को स्टडी करने के बाद पचा चला कि एस्ट्रॉयड पृथ्वी पर वसंत ऋतु में आया था। जीवाश्म वैज्ञानिक मानते हैं कि यह साइट धरती पर डायनासोर के आखिरी दिन का सबूत है। रिसर्च में पता चला कि मलबे में जो छोटे-छोटे टुकड़े मिले हैं उनमें अधिकतर में कैल्शियम है। लेकिन जो दो टुकड़े मिले हैं उनमें क्रोमियम, निकेल जैसे कई दूसरे तत्व भी थे जो केवल एस्ट्रॉयड में ही पाए जाते हैं। इनके बारे में कहा गया है कि ये निश्चित रूप से अंतरिक्ष से आए किसी पिंड के ही टुकड़े हैं। जल्द ही इस बात की पुष्टि भी किए जाने की संभावना है कि एस्ट्रॉयड कहां से आया था।
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