ITR Update : करदाताओं को सिर्फ एक सेक्‍शन में ही मिलते हैं टैक्‍स बचाने के 19 फॉर्मूले, आपने कहां किया है निवेश?


हाइलाइट्स

आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 के तहत मिलते हैं टैक्स छूट लेने के 19 तरीके.
इसके अंतर्गत केवल 1 सब-सेक्शन से ही आपको 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है.
आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 है.

नई दिल्ली. आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि अब बेहद करीब आ चुकी है. समीक्षाधीन वर्ष 2022-23 का आईटीआर 31 जुलाई तक बगैर किसी अतिरिक्त चार्ज के भरा जा सकता है. ऐसे में वेतनभोगी नागरिक टैक्स में छूट के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं. आयकर अधिनियम के तहत आयकरदाताओं को टैक्स में छूट देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. आज हम ऐसे एक अनुच्छेद के बारे में बात करेंगे.

आयकर अधिनियम के चैप्टर 6A के अंतर्गत आने वाले सेक्शन 80 के तहत ऐसे कई सब-सेक्शन हैं जिनके आधार पर आम टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. आइए इन भागों के बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं कि इनके जरिए आप किस तरह टैक्स बचा सकते हैं.

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  • सेक्शन 80सी- आप इसके तहत जीवन बीमा प्रीमियम, पीएफ का अंशदान, कुछ इक्टिविटी शेयरों और डिबेंचर में निवेश आदि पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसमें आपको 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है.
  • 80सीसीसी- कुछ पेंशन फंड में निवेश पर टैक्स छूट आप इसके अंतर्गत ले सकते हैं.
  • 80सीसीडी(1)- केंद्र की पेंशन स्कीम में निवेश करने पर टैक्स छूट. आपको बता दें कि सेक्शन 80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी(1) के तहत कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है.
  • 80सीसीडी (1बी)- नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर 50,000 रुपये तक की छूट.
  • 80सीसीडी(2)- केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम के संबंध में छूट. अगर केंद्र नियोक्ता के तौर पर इसमें निवेश किया है तो 14 फीसदी के अंशदान पर टैक्स छूट मिलेगी. वहीं, अगर नियोक्ता कोई और है तो छूट 10 फीसदी के अंशदान पर मिलेगी.
  • 80डी- 25,000 रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह 50,000 रुपये तक है. इस अनुच्छेद के तहत कुल छूट 1 लाख रुपये तक हो सकती है.
  • 80डीडी- किसी आश्रित (दिव्यांग) के मेडिकल ट्रीटमेंट पर हुए खर्च पर टैक्स छूट. इसमें 75,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है.
  • 80डीडीबी- किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा करवाए गए इलाज पर खर्च हुई रकम पर टैक्स छूट. यह छूट 40,000 रुपये तक के खर्च पर मिलेगी.
  • 80ई- उच्च शिक्षा के लिए गए लोन पर टैक्स छूट. इसकी कोई अपर लिमिट नहीं है.
  • 80ईई- रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी के लिए 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट.
  • 80ईईए- घर के लिए गए कर्ज पर लगने वाले 1.5 लाख तक के ब्याज पर टैक्स छूट.
  • 80ईईबी- ईवी खरीदने के लिए गए लोन के 1,50,000 तक के ब्याज पर टैक्स छूट.
  • 80जी- कुछ फंड्स और चैरिटेबल संस्थान में दान पर टैक्स छूट. कई बार यह छूट दान की कुल रकम पर भी मिल जाती है. आमतौर पर दान की 50 फीसदी रकम पर यह छूट दी जाती है.
  • 80जीजी- गैर-वेतनभोगी लोगों द्वारा हाउस रेंट पे करने पर टैक्स छूट. इसमें हर महीने 5,000 रुपये या कुल वार्षिक सैलरी के 25 फीसदी हिस्से, जो भी कम हो, पर छूट मिलती है.
  • 80जीजीए- कुछ वैज्ञानिक शोध व ग्रामीण विकास के लिए दान देने पर कोई टैक्स नहीं लगता.
  • 80 जीजीसी- किसी राष्ट्रीय पार्टी को दान देने पर पूरी छूट. हालांकि, यह दान नकद नहीं होना चाहिए.
  • 80टीटीए- बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट.
  • 80टीटीबी- वरिष्ठ नागरिकों द्वारा जमा राशि पर 50,000 तक के ब्याज पर टैक्स छूट.
  • 80यू- दिव्यांगों को टैक्स छूट. यह छूट दिव्यांगता की श्रेणी पर निर्भर करती है. इसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक की छूट क्लेम हो सकती है.

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