Vice President Election: तो इतने वोट से जीत जाएंगे जगदीप धनखड़, जानें वोटिंग से पहले का पूरा समीकरण


उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे शनिवार शाम तक आ जाएंगे। शनिवार को ही राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य नए उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालेंगे। विपक्ष की तरफ से मार्गरेट अल्वा और भाजपा की अगुआई वाली एनडीए से जगदीप धनखड़ उम्मीदवार हैं।  

आंकड़ों पर नजर डालें जो एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत लगभग तय मानी जा रही है। अकेले भाजपा सदस्यों के वोट से ही जगदीप चुनाव में जीत सकते हैं। गठबंधन के अन्य दलों और कुछ विपक्षी दलों की मदद से धनखड़ की जीत का अंतर काफी बढ़ जाएगा। आइए समझते हैं की वोटिंग से ठीक पहले क्या कहता है चुनावी समीकरण…? 

 

धनखड़ के समर्थन में कितने दल? 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ को भाजपा, जेडीयू, अपना दल (सोनेलाल), बीजेडी, बसपा, एआईएडीएमके, वाईएसआर कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी, एनपीपी, एमएनएफ, एनडीपीपी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), शिवसेना (शिंदे गुट), अकाली दल जैसे दलों का समर्थन मिला है। 

 

अल्वा के पक्ष में कितने दल? 

विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को कांग्रेस, एनसीपी, वामदल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, टीआरएस, झामुमो का समर्थन मिला हुआ है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने भी अल्वा का समर्थन किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत अल्वा की नामांकन प्रक्रिया में भी शामिल हुए थे। हालांकि, शिवसेना के ज्यादातर सदस्य एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के साथ हैं। 

 

आंकड़ों से जानिए कितने सदस्य वोट डालेंगे? 

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य वोट डालते हैं। इनमें मनोनीत सांसद भी शामिल होते हैं। अभी लोकसभा में सदस्यों की संख्या पूरी है। मतलब पूरे 543 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। इनमें 12 नामित सांसद रहते हैं। मौजूदा समय में आठ सीटें खाली हैं। इनमें चार जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के कारण जबकि एक सीट त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने माणिक साहा ने छोड़ी है। तीन अन्य नामित सदस्यों की सीट भी खाली है। अब ये सीटें भरना मुश्किल है।

इस लिहाज से उपराष्ट्रपति चुनाव में 237 राज्यसभा सांसद वोट करेंगे। अब ओवरऑल वोटर्स के आंकड़ों पर नजर डालते हैं। राज्यसभा के 237 और लोकसभा के 543 सदस्यों को मिलाकर ओवरऑल वोटर्स की संख्या 783 हो जाती है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी ने वोटिंग से दूर रहने का फैसला लिया है। अभी टीएमसी के 23 लोकसभा और राज्यसभा में 13 सदस्य हैं। इस तरह से कुल 36 सांसद वोटिंग से दूर रह सकते हैं। मतलब वोटिंग देने वाले सदस्यों की ओवरऑल संख्या 747 रह जाएगी। 

 

जीतने के लिए कितने वोट चाहिए? 

ओवरऑल वोटर्स की संख्या करीब 747 रह सकती है। ऐसे में जीत के लिए उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 374 वोट चाहिए होंगे। 

 



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