Jet Airways: जेट के सामने अभी भी कई चुनौतियां, जानें अर्श से फर्श पर आने से लेकर उम्मीदों की उड़ान का सफर


सार

जेट ने 15 और 17 मई को इन प्रूविंग फ्लाइट्स का सफलतापूर्वक संचालन किया। एओसी मिलने के साथ ही जलान-कालरॉक कंसोर्शियम ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। कंपनी की कोशिश सितंबर तक उड़ाने फिर से शुरू करने की है।

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तीन साल बाद जेट एयरवेज जल्द ही फिर उड़ान भरेगी। विमानन नियामक डीजीसीए ने उसे एओसी यानी एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट दे दिया। एओसी मिलने के साथ ही जेट एयरवेज की वाणिज्यिक उड़ान भरने का रास्ता साफ हो गया है।   

तीन साल में जेट एयरवेज कैसे दोबारा उड़ान भरने को तैयार है?  कब, कितनी और किस रूट पर शुरू होंगी उड़ानें? जेट एयरवेज के सामने चुनौतियां क्या हैं? क्या कंपनी के मालिकों में भी कोई बदलाव हुआ है? तीन साल से ग्राउंडेड जेट के पास अभी कितने कर्मचारी हैं?  आइये जानते हैं…

तीन साल में जेट एयरवेज कैसे दोबारा उड़ान भरने को तैयार है?
जब जेट एयरवेज बंद हुई उस वक्त नरेश गोयल कंपनी के मालिक थे। 17 अप्रैल 2019 को जेट ने आखिरी बार उड़ान भरी थी। जलान-कालरॉक कंसोर्शियम अब इसका प्रमोटर है और इसे दोबारा उड़ाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जालान-कालरॉक कंसोर्शियम को मंजूरी दी। इस कंसोर्शियम ने 1375 करोड़ रुपए का इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्लान पेश किया था। ये कंसोर्शियम फ्लाइट्स के ऑपरेशन को शुरू तो करेगा ही, साथ ही इसे दानदाताओं का उधार भी चुकाना है।

जब कोई कंपनी प्रूविंग फ्लाइट्स सफलता पूर्वक संचालित करती है तभी उसे एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट यानी एओसी मिलती है। जेट ने 15 और 17 मई को इन प्रूविंग फ्लाइट्स का सफलतापूर्वक संचालन किया। जेट एयरवेज का कहना है कि एओसी मिलने के साथ ही जलान-कालरॉक कंसोर्शियम ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। कंपनी की कोशिश है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में व्यवसायिक उड़ाने फिर से शुरू हो जाए।  

कंपनी की तरफ से कहा गया है कि कंपनी के अहम और सीनियर मैनेजमेंट के लोगों के नामों का एलान अगले हफ्ते हो जाएगा। इसके साथ ही परिचालन भूमिकाओं के लिए भर्ती भी शुरू होगी। इन भर्तियों में जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारियों को  जितना संभव हो प्राथमिकता दी जा रही है। परिचालन की शुरुआत में कितने विमान होंगे, नेटवर्क, फ्लीट प्लान जैसे मामलों की जानकारी भी आने वाले हफ्तों में कंपनी देगी।  

जेट एयरवेज के सामने चुनौतियां क्या हैं?
नए स्टाफ, केबिन क्रू और पायलट्स की ट्रेनिंग होनी बाकी है। कोरोना की वजह से घरेलू यात्रियों की संख्या घटी है। कई कंपनियों को नुकसान हो रहा है। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के रेवेन्यू में पिछले वित्त वर्ष में 60 फीसदी की गिरावट हुई है। इन सब की वजह से कंपनी के लिए शुरुआती दौर में परिचालन भी बड़ी चुनौती होगी। 

वहीं, राकेश झुनझुनवाला की आकासा एयर भी जल्द ही ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी में है। ऐसा होने पर जेट के लिए प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी। नए एयरक्राफ्ट की खरीद भी जेट के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि एयरलाइन के पास इस वक्त कोई रेडी फ्लीट नहीं है। हालांकि, कंसोर्शियम ने कुछ महीने पहले कहा था कि उसका प्लान अगले तीन साल में 50 से ज्यादा एयरक्राफ्ट का संचालन करने का है। उस वक्त कहा गया था कि कंपनी नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट के साथ घरेलू उड़ानों की शुरुआत करेगी।  

तीन साल से ग्राउंडेड जेट के पास अभी कितने कर्मचारी हैं?
कंपनी अहम पदों पर अब तक 200 से ज्यादा नियुक्तियां कर चुकी हैं। स्पाइस जेट और विस्तारा के पूर्व एक्जिक्यूटिव रहे संजीव कपूर इसके नए सीईओ बनाए गए हैं। इसके साथ ही श्रीलंकन एयरलाइन्स के पूर्व सीईओ विपुला गुनाथिलका को जेट का नया चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर (सीएफओ) बनाया गया है। 

कंपनी के नए सीईओ संजीव कपूर जेट ने एयरवेज में आने के बाद कंपनी के कर्मचारियों को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने पांच आधारभूत बातों का जिक्र किया। जिन पर कंपनी को रि-लॉन्च से पहले काम करना है। इसमें उन्होंने एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट प्राप्त करने, नए विमान खरीदने, विमानों के परिचालन के स्लॉट,  संचालन के लिए एक मजबूत सिस्टम बनाने और कर्मचारियों की नई टीम बनाने की बात कही थी। इसमें से सबसे पहला लक्ष्य शुक्रवार को पूरा भी हो गया। एओसी मिलने के बाद कंपनी ने शनिवार को छह अहम पदों पर भर्ती की सूचना भी जारी की। 

नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की शुरुआत की थी। पांच मई  1993 को जेट ने पहली बार उड़ान भरी। 18 अप्रैल 2019 को कर्ज तले दबी जेट ने आखिरी बार उड़ान भरी। एक वक्त में जेट के पास कुल 120 प्लेन थे। दुनियाभर के 74 देशों में 300 से ज्यादा फ्लाइट्स रोज उड़ान भरती थीं। ‘दि ज्वॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन के साथ ऑपरेशन करने वाली कंपनी जब कंपनी बंद हुई तो उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे। 

2007 में जेट ने एयर सहारा का अधिग्रहण किया। ये उस वक्त के सबसे महंगे सौदों में गिना गया था। 2010 में जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी बन गई। उस वक्त 22.6 फीसदी बाजार पर उसका कब्जा था।  

2012 में सरकार ने विदेशी एयरलाइन कंपनियों को भारतीय कंपनियों में 49 फीसदी तक हिस्सेदारी की छूट दी। 2013 में एतिहाद एयरवेज ने जेट में हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखाई। जेट ने भी कंपनी की 24 फीसदी हिस्सेदारी एतिहाद को बेचने का एलान किया। 

फरवरी 2016 में जेट देश की दूसरी सबसे बड़े एयरलाइन्स बन गई। उसकी बाजार में हिस्सेदारी घटकर 21.2 फीसदी रह गई। 2017 में ये और घटकर 17.8 फीसदी पर आ गई। मार्च 2019 में बताया गया था कि जेट एयरवेज के लगभग एक चौथाई विमानों का परिचालन लीज दरों का भुगतान नहीं करने के कारण बंद हो गया है। 

मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए का हो चुका था। इसके कुछ दिन बाद ही नरेश गोयल और उनकी पत्नी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पद से हट गए। अप्रैल 2019 में इंडियन ऑयल ने भुगतान नहीं होने के कारण जेट को ईंधन की आपूर्ति रोक दी। 19 अप्रैल को कंपनी का परिचालन बंद हो गया।  

जालान-कालरॉक कंसोर्शियम क्या है?
जालान-कालरॉक कंसोर्शियम में शामिल जालान का मतलब है मुरारी लाल जालान। मूलत: रांची के रहने वाले मुरारी लाल जालान के पिता कागज के कारोबारी थे। परिवार के बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए 1988 में जालान ने क्यूएसएस नाम से फोटो कलर लैब खोली। इसके बाद बीआईटी मेसरा में कैमरे बनाने का प्लांट लगवाया। जालान रांची से UAE कैसे पहुंचे, इसके बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन आज इनका कई देशों में बिजनेस है।

मौजूदा दौर में UAE और उज्बेकिस्तान में जालान की कंपनी का MJ डेवलपर्स के नाम से रियल स्टेट कारोबार है। रियल स्टेट के साथ ही उनका खनन, ट्रेडिंग, डेयरी, टूरिज्म सेक्टर में भी बिजनेस है। उनका कारोबार अमेरिका, रूस, उज्बेकिस्तान जैसे देशों में फैला है।

अब बात कालरॉक की
कालरॉक ब्रिटेन के इन्वेस्टमेंट ग्रुप फ्रेच का हिस्सा है। जो ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट एडवाइजर कंपनी के तौर पर काम करती है। कंपनी इन्वेस्टमेंट के बिजनेस में पिछले दो दशक से काम कर रही है। इसके चेयरमैन फ्लोरियल फ्रेच हैं। फ्रेच मूलत: जर्मनी के रहने वाले हैं।

विस्तार

तीन साल बाद जेट एयरवेज जल्द ही फिर उड़ान भरेगी। विमानन नियामक डीजीसीए ने उसे एओसी यानी एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट दे दिया। एओसी मिलने के साथ ही जेट एयरवेज की वाणिज्यिक उड़ान भरने का रास्ता साफ हो गया है।   

तीन साल में जेट एयरवेज कैसे दोबारा उड़ान भरने को तैयार है?  कब, कितनी और किस रूट पर शुरू होंगी उड़ानें? जेट एयरवेज के सामने चुनौतियां क्या हैं? क्या कंपनी के मालिकों में भी कोई बदलाव हुआ है? तीन साल से ग्राउंडेड जेट के पास अभी कितने कर्मचारी हैं?  आइये जानते हैं…

तीन साल में जेट एयरवेज कैसे दोबारा उड़ान भरने को तैयार है?

जब जेट एयरवेज बंद हुई उस वक्त नरेश गोयल कंपनी के मालिक थे। 17 अप्रैल 2019 को जेट ने आखिरी बार उड़ान भरी थी। जलान-कालरॉक कंसोर्शियम अब इसका प्रमोटर है और इसे दोबारा उड़ाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जालान-कालरॉक कंसोर्शियम को मंजूरी दी। इस कंसोर्शियम ने 1375 करोड़ रुपए का इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्लान पेश किया था। ये कंसोर्शियम फ्लाइट्स के ऑपरेशन को शुरू तो करेगा ही, साथ ही इसे दानदाताओं का उधार भी चुकाना है।

जब कोई कंपनी प्रूविंग फ्लाइट्स सफलता पूर्वक संचालित करती है तभी उसे एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट यानी एओसी मिलती है। जेट ने 15 और 17 मई को इन प्रूविंग फ्लाइट्स का सफलतापूर्वक संचालन किया। जेट एयरवेज का कहना है कि एओसी मिलने के साथ ही जलान-कालरॉक कंसोर्शियम ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। कंपनी की कोशिश है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में व्यवसायिक उड़ाने फिर से शुरू हो जाए।  



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