झारखंड: हेमंत सरकार शराब की थोक और खुदरा बिक्री को अपने नियंत्रण में लेगी


पीटीआई, रांची
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 31 Mar 2022 02:07 AM IST

सार

राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को शराब की थोक और खुदरा बिक्री के नियमों से संबंधित आबकारी नीति में चार बड़े संशोधनों और अन्य संबंधित मामलों को मंजूरी दी।

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झारखंड सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए शराब का सहारा लेने जा रही है। एक अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार तीन साल में मौजूदा राजस्व संग्रह 1,800 करोड़ रुपये से सालाना 3,000 करोड़ रुपये करने के लिए शराब की थोक और खुदरा बिक्री को अपने नियंत्रण में लेने वाली है।

राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को शराब की थोक और खुदरा बिक्री के नियमों से संबंधित आबकारी नीति में चार बड़े संशोधनों और अन्य संबंधित मामलों को मंजूरी दी। राज्य के आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे पहले शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए एक खाका तैयार करने के वास्ते एक एजेंसी की सेवा ली है। राज्य के आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे ने दावा किया कि संशोधनों से शराब की अवैध बिक्री और अधिक कीमत की शिकायतों को रोकने में मदद मिलेगी।

खुदरा दुकानो की संख्या होगी दोगुनी
चौबे ने कहा कि अब राज्य के पांच संभागों में 75 गोदामों की जगह पांच गोदाम होंगे, जो जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के नियंत्रण में होंगे और एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित होंगे। खुदरा दुकानों की संख्या मौजूदा 750 से बढ़ाकर 1,500 की जाएगी। ये दुकानें जेएसबीसीएल के अधीन होंगी।

गड़बड़ी रोकने के लिए क्यूआर कोड का किया जाएगा इस्तेमाल
चौबे ने कहा कि हमारे पास प्लेसमेंट एजेंसियां होंगी, जो हमें गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति देगी और दुकानों से राजस्व संग्रह में किसी तरह की कमी के लिए उन्हें वित्तीय रूप से उत्तरदायी भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध बिक्री और अधिक कीमत से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग किया जाएगा।

उपभोक्ता शराब की बोतलों पर अंकित क्यूआर कोड के माध्यम से कीमत, निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों का पता लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब विदेशी और देशी शराब की बोतलों का आकार एक समान होगा और प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

कैबिनेट ने श्रम सेवा तकनीकी संवर्ग के अलावा सामान्य संवर्ग भर्ती और अन्य सेवा शर्तों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। एक अधिकारी ने बताया कि कुर्मी और महतो को अति पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

विस्तार

झारखंड सरकार अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए शराब का सहारा लेने जा रही है। एक अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार तीन साल में मौजूदा राजस्व संग्रह 1,800 करोड़ रुपये से सालाना 3,000 करोड़ रुपये करने के लिए शराब की थोक और खुदरा बिक्री को अपने नियंत्रण में लेने वाली है।

राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को शराब की थोक और खुदरा बिक्री के नियमों से संबंधित आबकारी नीति में चार बड़े संशोधनों और अन्य संबंधित मामलों को मंजूरी दी। राज्य के आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे पहले शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए एक खाका तैयार करने के वास्ते एक एजेंसी की सेवा ली है। राज्य के आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे ने दावा किया कि संशोधनों से शराब की अवैध बिक्री और अधिक कीमत की शिकायतों को रोकने में मदद मिलेगी।

खुदरा दुकानो की संख्या होगी दोगुनी

चौबे ने कहा कि अब राज्य के पांच संभागों में 75 गोदामों की जगह पांच गोदाम होंगे, जो जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के नियंत्रण में होंगे और एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित होंगे। खुदरा दुकानों की संख्या मौजूदा 750 से बढ़ाकर 1,500 की जाएगी। ये दुकानें जेएसबीसीएल के अधीन होंगी।

गड़बड़ी रोकने के लिए क्यूआर कोड का किया जाएगा इस्तेमाल

चौबे ने कहा कि हमारे पास प्लेसमेंट एजेंसियां होंगी, जो हमें गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति देगी और दुकानों से राजस्व संग्रह में किसी तरह की कमी के लिए उन्हें वित्तीय रूप से उत्तरदायी भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध बिक्री और अधिक कीमत से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग किया जाएगा।

उपभोक्ता शराब की बोतलों पर अंकित क्यूआर कोड के माध्यम से कीमत, निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों का पता लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब विदेशी और देशी शराब की बोतलों का आकार एक समान होगा और प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

कैबिनेट ने श्रम सेवा तकनीकी संवर्ग के अलावा सामान्य संवर्ग भर्ती और अन्य सेवा शर्तों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। एक अधिकारी ने बताया कि कुर्मी और महतो को अति पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।



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