झारखंड: रूपेश हत्याकांड की जांच के लिए बरही पहुंचे एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक, परिजनों से की मुलाकात


सार

हिंसा में मारे गए रूपेश कुमार पांडे के परिवार ने कानूनगो से यह भी आग्रह किया कि हत्या के बाद हुई हिंसा में आगजनी के आरोप में पकड़े गए लड़के को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। वहीं किशोर गृह में बंद लड़के को कानूनगो के समक्ष पेश किया गया।

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झारखंड में हजारीबाग जिले के बरही में भगवान की मूर्ति को तोड़ने के बाद हुई व्यापक हिंसा हुई थी। इस सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सरस्वती पूजा के दौरान रूपेश कुमार पांडेय की हत्या की जांच का जायजा लेने के लिए रविवार को घटनास्थल का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की और जांच के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 17 वर्षीय रूपेश कुमार पांडे के आवास का भी दौरा किया और उनके परिवार से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए कानूनगो ने कहा कि जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। 

रूपेश कुमार पांडेय के परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
कानूनगो प्रियांक ने कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि इस मामले में पुलिस द्वारा संबंधित बाल अधिकारों के कानूनों का उल्लंघन न किया जाए। साथ ही कहा कि पांडे के परिवार ने हत्या के लिए न्याय की मांग की और परिवार के भरण-पोषण के लिए राहत की गुहार लगाई क्योंकि वह अकेला कमाने वाला सदस्य था। 

हिंसा में मारे गए रूपेश कुमार पांडे के परिवार ने कानूनगो से यह भी आग्रह किया कि हत्या के बाद हुई हिंसा में आगजनी के आरोप में पकड़े गए लड़के को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। वहीं किशोर गृह में बंद लड़के को कानूनगो के समक्ष पेश किया गया।

किसी भी राजनीतिक नेता को उनसे मिलने नहीं दिया 
कानूनगो ने जिन अधिकारियों से मुलाकात की उनमें उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद, पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे, बरही थाने के प्रभारी अधिकारी नीरज कुमार सिंह, अनुमंडल पुलिस अधिकारी नजीर अख्तर और जिला बाल कल्याण अधिकारी शामिल थे। इस दौरे के दौरान किसी भी राजनीतिक नेता को उनसे मिलने नहीं दिया गया।

उन्होंने हजारीबाग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों से भी मुलाकात की, जिन्होंने पांडे के शरीर का पोस्टमार्टम किया और बरही अस्पताल के डॉक्टर जिन्होंने पांडे का इलाज किया और बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया था। 

छह फरवरी को हुई थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि छह फरवरी को सरस्वती मूर्तियों के विसर्जन के दौरान पांडे की हत्या कर दी गई थी, जिससे इलाके में व्यापक हिंसा हुई थी। पुलिस ने कहा कि इस बीच, हिंसा के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या आठ हो गई है। 

अन्य 10 लोगों को 12 फरवरी को भगवान की मूर्ति को तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कई दिनों के तनाव के बाद हिंसाग्रस्त बरही फिलहाल सामान्य स्थिति में है। साथ ही पुलिस आगे की जांच कर रह रही है।

विस्तार

झारखंड में हजारीबाग जिले के बरही में भगवान की मूर्ति को तोड़ने के बाद हुई व्यापक हिंसा हुई थी। इस सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सरस्वती पूजा के दौरान रूपेश कुमार पांडेय की हत्या की जांच का जायजा लेने के लिए रविवार को घटनास्थल का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की और जांच के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 17 वर्षीय रूपेश कुमार पांडे के आवास का भी दौरा किया और उनके परिवार से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए कानूनगो ने कहा कि जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। 

रूपेश कुमार पांडेय के परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

कानूनगो प्रियांक ने कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि इस मामले में पुलिस द्वारा संबंधित बाल अधिकारों के कानूनों का उल्लंघन न किया जाए। साथ ही कहा कि पांडे के परिवार ने हत्या के लिए न्याय की मांग की और परिवार के भरण-पोषण के लिए राहत की गुहार लगाई क्योंकि वह अकेला कमाने वाला सदस्य था। 

हिंसा में मारे गए रूपेश कुमार पांडे के परिवार ने कानूनगो से यह भी आग्रह किया कि हत्या के बाद हुई हिंसा में आगजनी के आरोप में पकड़े गए लड़के को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। वहीं किशोर गृह में बंद लड़के को कानूनगो के समक्ष पेश किया गया।

किसी भी राजनीतिक नेता को उनसे मिलने नहीं दिया 

कानूनगो ने जिन अधिकारियों से मुलाकात की उनमें उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद, पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे, बरही थाने के प्रभारी अधिकारी नीरज कुमार सिंह, अनुमंडल पुलिस अधिकारी नजीर अख्तर और जिला बाल कल्याण अधिकारी शामिल थे। इस दौरे के दौरान किसी भी राजनीतिक नेता को उनसे मिलने नहीं दिया गया।

उन्होंने हजारीबाग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों से भी मुलाकात की, जिन्होंने पांडे के शरीर का पोस्टमार्टम किया और बरही अस्पताल के डॉक्टर जिन्होंने पांडे का इलाज किया और बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया था। 

छह फरवरी को हुई थी हिंसा

उल्लेखनीय है कि छह फरवरी को सरस्वती मूर्तियों के विसर्जन के दौरान पांडे की हत्या कर दी गई थी, जिससे इलाके में व्यापक हिंसा हुई थी। पुलिस ने कहा कि इस बीच, हिंसा के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या आठ हो गई है। 

अन्य 10 लोगों को 12 फरवरी को भगवान की मूर्ति को तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कई दिनों के तनाव के बाद हिंसाग्रस्त बरही फिलहाल सामान्य स्थिति में है। साथ ही पुलिस आगे की जांच कर रह रही है।



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