गौरव कुमार सोलंकी
गोड्डा. झारखंड में शराब की नई नीति लाने को लेकर सत्ता दल के विधायक ही सरकार का विरोध करते नजर आ रहे हैं. आज यानी बुधवार को गोड्डा किसान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेएमएम नेता और साहिबगंज के बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी विरोध जताया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार छत्तीसगढ़ की शराब नीति झारखंड में लाती है, तो शिबू सोरेन के सपनों का झारखंड कभी साकार नहीं हो पाएगा.
लोबिन हेंब्रम के मुताबिक, उन्होंने मेल और चिट्ठी लिखकर सरकार और तमाम विधायकों से निवेदन किया है कि यह नीति लागू न हो. जहां तक राजस्व की बात है, राजस्व के लिए झारखंड के पास खनिज हैं, जिससे राजस्व बढ़ सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ 6% लोग झारखंड में शराब पीते हैं, तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि झारखंड का राजस्व कितना बढ़ेगा.
एक सवाल के जवाब में लोबिन हेंब्रम ने कहा कि शिबू सोरेन मेरे राजनीतिक गुरु थे और रहेंगे. लेकिन उनके बेटे हेमंत सोरेन कभी मेरे नेता नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने हमेशा शराब का विरोध किया था. हमेशा वे शराब के विरोध में खड़े रहे थे. शराब के कारण कई आदिवासी परिवार बर्बाद हो चुके हैं, फिर भी सरकार शराब का सरकारीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से आदिवासी समाज और शिबू सोरेन का अपमान होगा.
यह पूछे जाने पर कि शराब के सरकारीकरण के बाद आपका क्या कदम होगा, लोबिन हेंब्रम ने कहा कि पिछले शीतकालीन सत्र में भी उन्होंने शराब की इस नीति के खिलाफ आवाज उठाई थी और आगे भी उठाते रहेंगे. इतने के बाबजूद अगर सरकार थेथर बनी रहती है और इस नीति को लागू करती है, तो वे अपने ही सरकार के खिलाफ में खड़े रह कर विरोध करेंगे.
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Tags: Jharkhand Government, JMM, New Liquor Policy