हिजाब विवाद: जानें 74 दिनों तक चले बवाल में क्या-क्या हुआ, यहां पढ़ें पूरी टाइमलाइन


कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पहनकर प्रवेश के लिए शुरू हुए विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला सामने आ गया है। हाईकोर्ट ने मंगलवार 15 मार्च, 2022 को छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम धर्म में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी ने इस मामले की सुनवाई की है। 

14 मार्च- कलबुर्गी जिले में धारा 144 लागू 

हाईकोर्ट के इस फैसले से पहले ही बीते दिन राज्य सरकार ने दक्षिण कन्नड़ जिले के सभी स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी कर दी है। वहीं, कलबुर्गी जिले में सोमवार शाम 8 बजे से 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा जाएगा। इसके अलावा बेंगलुरू, मैसूर और बेलगावी में आज से एक सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू है। उडुपी जिले में भी पहले से ही धारा 144 लागू की गई है। 

25 फरवरी को पूरी हुई थी सुनवाई

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के मामले पर सुनवाई 25 फरवरी को ही पूरी कर ली थी। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद से ही मामले पर कभी भी फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही थी। दरअसल, जस्टिस कृष्णा दीक्षित की एकल पीठ ने पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद इसे हाईकोर्ट की बड़ी बेंच के पास भेज दिया था। मामले पर 11 दिनों तक चली सुनवाई के बाद बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

बंद कर दिए गए थे स्कूल कॉलेज

राज्य में हिजाब के समर्थन तो कहीं इसके विरोध में बड़े प्रदर्शन शुरू हो गए थे। छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध में कई छात्र और छात्राओं ने भगवा शॉल ओढ़कर स्कूल आना शुरू कर दिया था।  राज्य में कई जगहों पर हिंसा होने की भी खबरें सामने आई थी। इस कारण राज्य में स्कूल-कॉलेजों को 9 से 15 फरवरी के लिए बंद करना पड़ा था। हालांकि, हाईकोर्ट की बड़ी बेंच ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से स्कूलों को खोलने और अंतिम फैसला आने तक ड्रेस कोड को फॉलो करवाने के अंतरिम आदेश दिए थे। धीरे-धीरे विरोध प्रदर्शन अन्य राज्यों मे भी फैल गया था।

छात्राओं ने बताया था मौलिक अधिकारों हनन

कर्नाटक में इस विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में हुई थी। यहां उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनी 6 छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने ड्रेस कोड का हवाला देकर कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया था। हालांकि, हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश की मांग करने वाली छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कॉलेज के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन बताया था। जबकि कॉलेज प्रशासन का कहना था कि छात्राएं इससे पहले हिजाब पहनकर नहीं आ रही थी। इसके पीछे कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) का हाथ है। 



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