सार
यह आंशिक सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर व दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा।
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विस्तार
वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 30 अप्रैल यानी आज रात 12.15 बजे से 1 मई को सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। चार घंटे का यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
यह आंशिक सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर व दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। यह भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां इसके किसी धार्मिक प्रभाव का सवाल नहीं है। रात में मंदिर बंद रहते हैं, इसलिए ग्रहणकाल में इन्हें बंद करने की भी जरूरत नहीं होगी।
न ही किसी तरह का सूतककाल का असर होगा। भारतीय पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में भोजन व मंदिरों में दर्शन निषिद्ध होते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद नदियों व घरों आदि में स्नान के बाद दान कर पुण्य अर्जित करने का विशेष महत्व है।
चूंकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण है, जिन देशों में यह नजर आएगा, वहां सूरज करीब 65 फीसदी हिस्सा चांद से ढक जाएगा। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर सूरज के प्रकाश को पूर्णत: या आंशिक रूप से रोक देता है। जब चांद सूरज को पूरी तरह से ढक लेता है तब पूर्ण सूर्यग्रहण होता है।