नेतृत्व विकास : राज्यों में युवा और मजबूत क्षत्रप तैयार करने में जुटी भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी की अगले 25 साल की योजना पर हो रहा है काम


हिमांशु मिश्र, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Wed, 23 Mar 2022 04:31 AM IST

सार

पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक दरअसल योजना इनका कद तराशने और इन्हें मजबूत बनाने की है। वह इसलिए कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर ये क्षत्रप अपने दम पर चुनावी गाड़ी खींच पाएं। मजबूत क्षत्रपों के अभाव में एक राज्य को छोड़ कर कोई भी राज्य लोकसभा के बीते दो चुनावों में हासिल मत को बरकरार नहीं रख पाया है।

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उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में नई सरकार के गठन के जरिए भाजपा राज्यों में युवा और मजबूत क्षत्रप तैयार करने में जुट गई है। नई सरकार गठन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की अगले 25 साल का नेतृत्व विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। अलग-अलग राज्यों की भावी सरकारों में कुछ ऐसे युवा चेहरों को मौका दिए जाने की योजना है जिसमें भविष्य की राजनीति के अनुरूप बेहतर संभावना हैं।

भाजपा को जिन चार राज्यों में सत्ता मिली है, उनमें निर्णय को ले कर एक समानता है। नेतृत्व ने चारों राज्यों में सरकार के पुराने मुखिया पर भरोसा जताया है। इनमें से तीन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (49), उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी (46) और गोवा में प्रमोद सावंत (48) की औसत उम्र पचास से कम है। इनमें धामी की ताजपोशी चुनाव हारने के बाद भी की गई है।

अपने बल पर जिताएं चुनाव
पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक दरअसल योजना इनका कद तराशने और इन्हें मजबूत बनाने की है। वह इसलिए कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर ये क्षत्रप अपने दम पर चुनावी गाड़ी खींच पाएं। मजबूत क्षत्रपों के अभाव में एक राज्य को छोड़ कर कोई भी राज्य लोकसभा के बीते दो चुनावों में हासिल मत को बरकरार नहीं रख पाया है। नेतृत्व इस बार ऐसी स्थिति से निजात पाना चाहता है।

सरकारों में युवाओं को मिलेगी जगह
क्षत्रपों को मजबूत करने के साथ नेतृत्व की योजना सभी राज्यों में मजबूत दूसरी पीढ़ी तैयार करना भी है। इन सभी राज्यों की सरकारों में कुछ ऐसे युवाओं को जगह दी जाएगी, जिन्हें भविष्य के लिए तराशा जा सके। ऐसे युवा नेता जिसमें नेतृत्व की संभावना दिख रही है।

बीरेन की राह नहीं आसान
पार्टी ने मणिपुर में भी पुराना चेहरा एन बीरेन सिंह (61 वर्ष) पर भरोसा जताया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सिंह का बतौर मुख्यमंत्री यह अंतिम कार्यकाल होगा। भावी नेतृत्व के लिए पार्टी ने यहां भी तीन युवा नेताओं की पहचान की है, जिनकी औसत उम्र पचास वर्ष से कम है।

औसत उम्र पर निगाह
2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ही पीएम मोदी ने पार्टी और सरकार में दूसरी-तीसरी पीढ़ी तैयार करने पर बल दिया था। पहली कड़ी में टिकट और पद पाने की अधिकतम उम्र 75 वर्ष निर्धारित की थी। वर्तमान में सरकार और संगठन के मंत्रियों-पदाधिकारियों की औसत उम्र 58 साल है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में नई सरकार के गठन के जरिए भाजपा राज्यों में युवा और मजबूत क्षत्रप तैयार करने में जुट गई है। नई सरकार गठन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की अगले 25 साल का नेतृत्व विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। अलग-अलग राज्यों की भावी सरकारों में कुछ ऐसे युवा चेहरों को मौका दिए जाने की योजना है जिसमें भविष्य की राजनीति के अनुरूप बेहतर संभावना हैं।

भाजपा को जिन चार राज्यों में सत्ता मिली है, उनमें निर्णय को ले कर एक समानता है। नेतृत्व ने चारों राज्यों में सरकार के पुराने मुखिया पर भरोसा जताया है। इनमें से तीन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (49), उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी (46) और गोवा में प्रमोद सावंत (48) की औसत उम्र पचास से कम है। इनमें धामी की ताजपोशी चुनाव हारने के बाद भी की गई है।

अपने बल पर जिताएं चुनाव

पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक दरअसल योजना इनका कद तराशने और इन्हें मजबूत बनाने की है। वह इसलिए कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर ये क्षत्रप अपने दम पर चुनावी गाड़ी खींच पाएं। मजबूत क्षत्रपों के अभाव में एक राज्य को छोड़ कर कोई भी राज्य लोकसभा के बीते दो चुनावों में हासिल मत को बरकरार नहीं रख पाया है। नेतृत्व इस बार ऐसी स्थिति से निजात पाना चाहता है।

सरकारों में युवाओं को मिलेगी जगह

क्षत्रपों को मजबूत करने के साथ नेतृत्व की योजना सभी राज्यों में मजबूत दूसरी पीढ़ी तैयार करना भी है। इन सभी राज्यों की सरकारों में कुछ ऐसे युवाओं को जगह दी जाएगी, जिन्हें भविष्य के लिए तराशा जा सके। ऐसे युवा नेता जिसमें नेतृत्व की संभावना दिख रही है।

बीरेन की राह नहीं आसान

पार्टी ने मणिपुर में भी पुराना चेहरा एन बीरेन सिंह (61 वर्ष) पर भरोसा जताया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सिंह का बतौर मुख्यमंत्री यह अंतिम कार्यकाल होगा। भावी नेतृत्व के लिए पार्टी ने यहां भी तीन युवा नेताओं की पहचान की है, जिनकी औसत उम्र पचास वर्ष से कम है।

औसत उम्र पर निगाह

2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ही पीएम मोदी ने पार्टी और सरकार में दूसरी-तीसरी पीढ़ी तैयार करने पर बल दिया था। पहली कड़ी में टिकट और पद पाने की अधिकतम उम्र 75 वर्ष निर्धारित की थी। वर्तमान में सरकार और संगठन के मंत्रियों-पदाधिकारियों की औसत उम्र 58 साल है।



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