सौरव गांगुली टीम इंडिया की चयन समिति की बैठक में भाग लेकर कैसे ‘क्रीज’ और नियमों से निकले आगे? जानें


नई दिल्ली. अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha)  ने हाल में बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के आश्वासन के बाद टीम इंडिया (Team India) की टेस्ट टीम से खुद को बाहर किए जाने पर हैरानी जताई थी. इस दौरान बंगाल के इस विकेटकीपर ने अनजाने में ही सही, लेकिन गांगुली का नाम लेकर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया था, क्योंकि चयन मामलों में गांगुली का हस्तक्षेप भारतीय बोर्ड के संविधान के खिलाफ है.

बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, चयन समिति की बैठकों में एक अध्यक्ष का कोई अधिकार नहीं हो सकता है. सचिव (जय शाह) समिति के संयोजक होने के नाते बैठकों में भाग लेते हैं. गांगुली की उपस्थिति चयनकर्ताओं के लिए डराने वाली हो सकती है और अध्यक्ष द्वारा सीधे हस्तक्षेप न करने पर भी उन्हें काम करने से रोका जा सकता है.

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इंडियन एक्सप्रेस ने गांगुली के कार्यकाल में पहले और वर्तमान में काम करने वाले कई चयनकर्ताओं से बातचीत की है. सभी का मानना है कि गांगुली सभी चयन बैठकों में हिस्सा लेते थे. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां तक ​​दावा किया कि गांगुली ने अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद से हर चयन बैठक में भाग लिया है. दो चयनकर्ताओं ने औचित्य का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गांगुली ऑनलाइन चयन बैठकों के लिए लॉग इन करेंगे. उनके पद और स्थिति के कारण, कोई भी इसपर आपत्ति नहीं कर सकता.’

गांगुली ने बतौर बीसीसीआई प्रमुख चयन समिति के साथ मिलकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिसमें विराट कोहली को वनडे कप्तान के रूप में बाहर करना और रोहित शर्मा के लिए सभी प्रारूपों में कप्तानी करना शामिल है. बीसीसीआई के कई सूत्रों ने चयन बैठकों में गांगुली की मौजूदगी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पूर्व कप्तान के कद को देखते हुए (जिन्होंने 113 टेस्ट और 311 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले) कम अनुभवी चयनकर्ता ‘अपनी राय व्यक्त करने में असमर्थ थे. उन्होंने कहा कि इसने भारतीय क्रिकेट की सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली चयन समिति की शक्ति को कम कर दिया है.

टीम इंडिया की चयन समित के वर्तमान चेयरमैन चेतन शर्मा को 25 टेस्ट और 65 वनडे इंटरनैशनल मैच खेलने का अनुभव है. इससे पहले एमएसके प्रसाद जब चयनकर्ता प्रमुख थे तो उनके पास 6 टेस्ट और 17 वनडे मैच खेलने का अनुभव था. बात करें, मौजूदा चयनकर्ताओं के ग्रुप की तो देबाशीष मोहंती, सुनील जोशी और हरविंदर सिंह ने कुल 43 टेस्ट और 195 वनडे मैच खेले हैं. इससे पहले वाली पैनल के पास 9 टेस्ट और 28 वनडे मैचों का अनुभव था. पिछले सप्ताह साहा ने कहा था कि न्यूजीलैंड के खिलाफ गर्दन में चोट के बावजूद जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अर्धशतकीय पारी खेली थी तब गांगुली ने मैसेज कर बधाई दी थी और कहा था कि जब तक मैं हूं आप टीम में बने रहेंगे.’

Tags: BCCI, Indian cricket, Sourav Ganguly, Team india

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