LIC IPO: सुप्रीम कोर्ट ने एलआईसी आईपीओ पर रोक लगाने से किया इनकार, पॉलिसीधारकों की याचिका पर कही ये बड़ी बात


बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 12 May 2022 12:42 PM IST

सार

याचिका में शेयर अलॉटमेंट प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने वित्त अधिनियम, 2021 और एलआईसी अधिनियम की धाराओं के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।

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एलआईसी आईपीओ के जरिए शेयरों के आवंटन पर रोक लगाने की पॉलिसीधारकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं को राहत देने से मना कर दिया। इस याचिका में शेयर अलॉटमेंट प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने वित्त अधिनियम, 2021 और एलआईसी अधिनियम की धाराओं के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया में दखल से सुप्रीम कोर्ट  ने मना कर दिया है। बता दें कि दायर याचिका में कहा गया था कि एलआईसी एक्ट में बदलाव वित्तीय बिल के जरिए किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा। आधार एक्ट में बदलाव को संसद में वित्त विधेयक की तरह पास करने का मसला पहले से लंबित। इसे भी साथ सुना जाएगा। पीठ ने कहा कि उसने केंद्र और एलआईसी को कोर्ट में पॉलिसीधारकों की ओर से दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। 

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत को वाणिज्यिक निवेश और आईपीओ के मामलों में दायर याचिकाओं पर कोई अंतरिम राहत देने से बचना चाहिए। पीठ ने कहा कि एलआईसी आईपीओ के मामले में हम कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। यहां बता दें कि देश का सबसे बड़ा एलआईसी का आईपीओ खुदरा और अन्य निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए बीती चार मई को खुला था और नौ मई को बंद हुआ था। इसके शेयरों का आवंटन आज गुरुवार को आवंटित किया जाना है।

 

विस्तार

एलआईसी आईपीओ के जरिए शेयरों के आवंटन पर रोक लगाने की पॉलिसीधारकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं को राहत देने से मना कर दिया। इस याचिका में शेयर अलॉटमेंट प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने वित्त अधिनियम, 2021 और एलआईसी अधिनियम की धाराओं के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया में दखल से सुप्रीम कोर्ट  ने मना कर दिया है। बता दें कि दायर याचिका में कहा गया था कि एलआईसी एक्ट में बदलाव वित्तीय बिल के जरिए किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा। आधार एक्ट में बदलाव को संसद में वित्त विधेयक की तरह पास करने का मसला पहले से लंबित। इसे भी साथ सुना जाएगा। पीठ ने कहा कि उसने केंद्र और एलआईसी को कोर्ट में पॉलिसीधारकों की ओर से दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। 

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत को वाणिज्यिक निवेश और आईपीओ के मामलों में दायर याचिकाओं पर कोई अंतरिम राहत देने से बचना चाहिए। पीठ ने कहा कि एलआईसी आईपीओ के मामले में हम कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। यहां बता दें कि देश का सबसे बड़ा एलआईसी का आईपीओ खुदरा और अन्य निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए बीती चार मई को खुला था और नौ मई को बंद हुआ था। इसके शेयरों का आवंटन आज गुरुवार को आवंटित किया जाना है।

 



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