सार
डिविडेंड या लाभांश दरअसल, किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का वितरण होता है। जब कोई कंपनी लाभ या सरप्लस कमाती है, तो वह शेयरधारकों को लाभांश के रूप में लाभ के अनुपात का भुगतान करती है।
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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ ने भले ही निवेशकों को निराश किया हो, लेकिन उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की तैयारी अब कंपनी ने कर ली है। एलआईसी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि उसका बोर्ड डिविडेंड देने पर विचार करेगा। हालांकि, इसके बारे में पूरा खुलासा 30 मई जारी होने वाले पहले तिमाही परिणामों में होगा।
बता दें एलआईसी आईपीओ के बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी पहले तिमाही परिणामों का खुलासा करेगी। इसी बैठक में डिविडेंड देने पर भी विचार किया जाएगा। जाहिर है कि कंपनी ने जो योजना तैयार की है उसके जरिए उन लोगों को कमाई का मौका मिलेगा, जिन्हें आईपीओ ने घाटा पहुंचाया है। इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्टॉक मार्केट को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि वह 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही और वर्ष (2021-22) के लिए वित्तीय परिणामों पर चर्चा के साथ ही डिविडेंड के भुगतान को लेकर एलान करेगी।
डिविडेंड या लाभांश दरअसल, किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को मुनाफे का वितरण होता है। जब कोई कंपनी लाभ या सरप्लस कमाती है, तो वह शेयरधारकों को लाभांश के रूप में लाभ के अनुपात का भुगतान करती है। गौरतलब है कि मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर करीब तेजी के साथ 824.80 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, इस बढ़त के बाद भी यह इश्यू प्राइस 949 रुपये से करीब 13 प्रतिशत की गिरावट में है। कंपनी के बाजार पूंजीकरण की बात करें तो यह 5,24,626.93 करोड़ रुपये है। आईपीओ लिस्ट होने से पहले कंपनी की वैल्यू छह लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी।
एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ था, जो कि चार मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और नौ मई को बंद हुआ था। इसने बाजार से 20,557 करोड़ रुपये कमाए थे। बता दें कि एलआईसी के आईपीओ को 2.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इसके बाद कंपनी के शेयर 17 मई को अपने निर्धारित इश्यू प्राइस से करीब नौ फीसदी डिस्काउंट पर शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे। आईपीओ में 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, जिसके मुकाबले 47.83 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं।