LIC IPO: तैयारियों में जुटी एलआईसी IDBI Bank में नहीं बेचेगी पूरी हिस्सेदारी, चेयरमैन ने दी बड़ी जानकारी


नई दिल्ली. आईपीओ (IPO) की तैयारियों में जुटी एलआईसी (LIC) ने कहा कि वह आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी पूरी हिस्सेदारी नहीं बेचेगी. कंपनी बैंक की शाखाओं का इस्तेमाल अपनी बीमा उत्पादों को बेचने में कर सकती है. एलआईसी के चेयरमैन (LIC Chairman) एम आर कुमार का कहना है कि हम आइडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहेंगे. इसके जरिये बीमा उत्पादों को बेचने में मदद मिलेगी.

भारत सरकार और एलआईसी की आईडीबीआई बैंक में 90 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. बैंक के पास 39 अरब डॉलर यानी 2.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं. दिसंबर अंत तक बैंक की देशभर में 1,800 से अधिक शाखाएं थीं. बीमा कंपनी ने इस बैंक का अधिग्रहण तब किया था, जब बैंक के अधिकांश लोन एनपीए हो गए थे.

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2019 में किया था बैंक में निवेश
आईडीबीआई बैंक को उबारने के लिए एलआईसी ने 23 अक्टूबर 2019 को पालिसीधारकों के धन का उपयोग करते हुए 4,743 करोड़ रुपये का निवेश किया. बैंक ने 1435.1 करोड़ रुपये जुटाए. बैंक मार्च 2021 में ही आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से बाहर आया है. सरकार और एलआईसी दोनों पिछले कुछ वर्षों से आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही हैं.

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एलआईसी के पास पर्याप्त पूंजी
कुमार ने कहा कि एलआईसी के पास पर्याप्त पूंजी है और संभावित निवेशकों को आइपीओ के बाद कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. कंपनी पर सरकार के नियंत्रण को लेकर जताई गई चिंता पर चेयरमैन ने कहा कि सभी फैसले बोर्ड द्वारा लिए जाते हैं. सरकार की बीमा कंपनी में 95 फीसदी हिस्सेदारी है.

कुछ हिस्सेदारी अपने पास रखेंगे
एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा कि हम आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहेंगे. बैंक में हिस्सेदारी लेने का हमारा विचार रणनीतिक प्रकृति का था और यह वजह अभी भी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि मैं एलआईसी चेयरमैन के रूप में चाहता हूं कि यह संबंध भविष्य में भी जारी रहे.

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जानिए मुनाफे पर चेयरमैन ने क्या कहा
कुमार ने कहा कि बीमा कंपनियों के मुनाफे की तुलना किसी मैन्युफैक्चरिंग फर्म के साथ नहीं की जा सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों बिजनेस का नेचर एकदम अलग है. सरप्लस जेनरेशन के लिहाज से पिछले दो वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का जेनरेशन हुआ है. इस सरप्लस में 95 फीसदी पॉलिसीधारकों के पास जा रहा था. उन्होंने कहा कि जब आप पांच फीसदी को देखते हैं तो यह आकार में छोटा लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. अब सरप्लस वितरण के तरीके में बदलाव होने जा रहा है.

Tags: IDBI Bank, LIC IPO

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