Lock Upp में पहला Elimination, नाराज Kangana Ranaut ने दिखाया Swami Chakrapani Maharaj को ‘आईना’


‘लॉक अप’ (Lock Upp) के कंटेस्टेंट स्वामी चक्रपाणि महाराज (Swami Chakrapani Maharaj) शो से बाहर आ चुके हैं। घर के 13 कंटेस्टेंट्स में से वह पहले सेलिब्रिटी हैं, जो कंगना रनौत (Kangana Ranaut)की जेल से रिहा हो चुके हैं। यह फैसला इनका खुद का था। क्योंकि यह और सिद्धार्थ शर्मा (Siddharth Sharma) दोनों ही बॉटम में थे। ऐसे में इनको फैसला लेना था कि जेल से बाहर कौन जाएगा और अंदर कौन रहेगा। इस पर स्वामी ने फैसला किया और क्वीन की कैद से आजाद हो गए।

दरअसल, मुनव्वर फारूकी, सिद्धार्थ शर्मा, स्वामी महाराज, अंजली अरोड़ा और शिवम शर्मा जेल से बाहर आने के लिए नॉमिनेटेड थे। इसमें दर्शकों के ज्यादा वोट्स पाकर मुनव्वर तो सुरक्षित हो गए। वहीं बाकियों ने भी शिवम को बचा लिया। फिर बचे तीन सदस्य। तीनों को ही फिर ‘बेनकाब रूम’ में बुलाया गया। यहां इन्हें एक सीक्रेट वर्ड दिया गया। सिद्धार्थ को ‘स्पोर्ट्स एनहान्समेंट’, अंजली को ‘रूस’ और स्वामी जी को ‘राधे’ दिया गया।


कंगना ने इन्हें खुद को सुरक्षित करने का मौका दिया। कहा कोई एक अपना सीक्रेट शेयर कर खुद को सुरक्षित कर सकता है। अंजली और सिद्धार्थ ने बजर दबा दिया। अब अंजली ने पहले दबाया था, तो उन्होंने अपना सीक्रेट बताया। कहा कि एक बार वब रूस गई थीं। उस वक्त उनके पास बिलकुल भी रुपये नहीं थे और ना ही सिम कार्ड था जिससे वह किसी से बात कर पातीं। इसके बाद उन्होंने किसी व्यक्ति से पैसे मांगे और उसके बदले में वह उसी के साथ पार्टी में गईं।

अब सिर्फ सिद्धार्थ और स्वामी जी बचे थे। इसमें से एक को बाहर होना था। अब स्वामी जी ने जाने का फैसला किया। क्योंकि उनका मानना था कि उनकी शो में मौजदूगी शून्य मात्र है। और इस शो से उनके करियर में भी कुछ नहीं होने वाला। उनका कहना था कि इस शो से सिद्धार्थ को बढ़िया एक्सपोजर मिलेगा। लेकिन कंगना उनकी बातों से सहमत नहीं हुईं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा था कि आप स्ट्रांगेस्ट कंटेन्डर हैं। लेकिन जिस दिन आपने किसी दूसरे के बजाय अपना नाम चार्जशीट में लिखा, उस दिन से मैंने आपका पक्ष लेना बंद कर दिया।आप जेल से बाहर जाना चाहते थे। आपने खुद को अनडिजर्विंग बताया। मुझे नहीं पता आप इस त्याग से क्या साबित करना चाहते हैं। दुनिया ऐसे नहीं चलती। आपने मेरी जेल में गलत उदाहरण सेट किया है। सिद्धार्थ भी आपके बहकावे में आ गया। मुझे डर है कि कहीं ये भी अगले हफ्ते बाहर न हो जाए।’


इस पर स्वामी ने कहा, ‘मैं अपनी बात पर अड़ा हूं। मुझे कोई शिकायत नहीं है और न कोई पछतावा। मेरे पास दिखावा करने के लिए कुछ नहीं है। और न कोई मुझसे इम्प्रेस होगा।’ इस पर ऐक्ट्रेस ने कहा, ‘आप सदमें चले गए और कठिन परिस्थिति का सामना नहीं कर सके। आप हार गए। आपके आध्यात्म ने काम नहीं किया। आप ने ये छोटे से अत्याचार के सामने घुटने टेक दिए। आप बाहर जाकर सहने की क्षमता बढ़ाएं।’ इसके बाद चक्रपाणि जेल से बाहर आ जाते हैं। और सिद्धार्थ सेव हो जाते हैं।

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