Lok Sabha By Election Result: आजमगढ़ अब निरहुआ के कब्जे में, सपा के गढ़ में ही मुलायम परिवार को दी पटखनी


समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा उलटफेर कर दिया है। लोकसभा उपचुनाव में भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को पछाड़ दिया है। निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को आठ हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी है।  एमवाई समीकरण को तोड़ते हुए निरहुआ ने यह मुकाबला जीता है। 

सपा के गढ़ में मुलायम परिवार को  दिनेश लाल यादव ने जबरदस्त पटखनी दी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की खाली की गई सीट पर उन्हीं के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को निरहुआ ने हरा दिया। जिसे लेकर भाजपा समर्थकों में खुशी की लहर है। यूं तो उपचुनाव पर लोगों को कोई खास दिलचस्पी नहीं होती मगर पूर्वांचल की प्रतिष्ठापरक आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सभी को दिलचस्पी थी। इसका कारण ये था कि आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है। 

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी-योगी लहर होने के बाद भी आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीटों में से एक पर भी भाजपा को जीत नहीं मिली थी। ऐसे में माना जा रहा था कि करहल से विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की संसदीय सीट रहे जिस आजमगढ़ से संसद सदस्यता छोड़ी है, उस पर उनके भाई धर्मेंद्र आसानी से जीत जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सपा के गढ़ को भाजपा ने भेद दिया।  

उपचुनाव में आजमगढ़ फतह के लिए सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया और हर वर्ग को रिझाने में जुटे रहे। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित प्रदेश के तमाम दिग्गज डटे रहे। उधर, सपा की ओर पूर्व मंत्री आजम खां, स्वामी प्रसाद मौर्य व सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर सहित अन्य लोगों ने माहौल बनाने का प्रयास किया। 

अखिलेश यादव अपने भाई धर्मेंद्र के लिए प्रचार करने एक बार भी आजमगढ़ नहीं आए।  इसे भाजपा ने मुद्दा भी बनाया था। तब सपा की तरफ से कई तरह की बातें कहीं गई थी। यह भी कहा गया था कि उपचुनाव में अखिलेश प्रचार नहीं करते हैं। वोटिंग के बाद प्रशासन पर सख्ती करने का भी आरोप लगाया था। 

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ भाजपा में शामिल होते हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया जाता है। निरहुआ के सामने सपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। इसके बावजूद निरहुआ ने यहां से चुनाव लड़ने में जरा भी हिचक नहीं दिखाई और अखिलेश के खिलाफ ताल ठोक दी। 



Source link

Enable Notifications OK No thanks