Lok Sabha Bypoll 2022: कैसा है रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा का चुनावी इतिहास, क्या कहता है इन सीटों का जातीय गणित?


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रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उप-चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन था। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि मुकाबला किनके बीच होगा। दोनों सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं तो बसपा ने रामपुर से उम्मीदवार नहीं दिया।

रामपुर में सीधा मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होगा। वहीं, आजमगढ़ में मुकाबला त्रिकोणीय रहने की संभावना है। यहां सपा, भाजपा के साथ बसपा ने भी उम्मीदवार मैदान में उतारा है। 

किस पार्टी से कौन मैदान में?
आजमगढ़ से भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हारे दिनेश लाल यादव निरहुआ को फिर के टिकट दिया है। वहीं, सपा की ओर से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव मैदान में हैं। बसपा की ओर पूर्व विधायक गुड्डू जमाली लड़ रहे हैं। 

रामपुर में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां से भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। लोधी कभी आजम खां के करीबी थे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, सपा ने आजम के ही करीबी आसिम रजा का उतारा है। 

2022 विधानसभा चुनाव में क्या रहे थे रामपुर-आजमगढ़ के नतीजे
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर सपा उम्मीदवारों को जीत मिली थी। 

पांचों विधानसभा सीटों पर सपा को करीब चार लाख 36 हजार वोट मिले थे। वहीं, भाजपा उम्मीदवारों को करीब तीन लाख 30 हजार वोट मिले थे। यानी, सपा को भाजपा के मुकाबले एक लाख से भी ज्यादा वोट मिले। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले सपा और भाजपा दोनों के वोटों में कमी आई है। सपा के वोट करीब दो लाख वोट कम मिले वहीं, भाजपा को 2019 के मुकाबले करीब  30 हजार वोट का नुकसान होगा। 

रामपुर लोकसभा सीट में भी पांच विधानसभा सीटें आती हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में इन पांच में से तीन सीटें सपा को तो दो सीटें भाजपा को मिली थीं। रामपुर विधानसभा सीट से आजम खान, स्वार से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और चमरौआ विधानसभा सीट से नसीर अहमद खान सपा के टिकट पर जीते थे। वहीं, बिलासपुर सीट से बलदेव औलख और मिलख सीट से राजबाला सिंह भाजपा के टिकट पर जीतीं थीं।

पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा को कुल 4 लाख सात हजार से ज्यादा वोट मिले। वहीं, सपा को 5 लाख 52 हजार से ज्यादा वोट मिले। यानी, सपा को भाजपा के मुकाबले करीब एक लाख 44 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। हालांकि, लोकसभा के मुकाबले दोनों के कुल वोट में कमी आई थी। सपा को जहां लोकसभा के मुकाबले करीब सात हजार वोट कम मिले वहीं, भाजपा को करीब 41 वोटों का नुकसान हुआ। 
 

कैसा रहा था 2019 लोकसभा चुनाव का नतीजा?
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को ढाई लाख से अधिक वोट से हराया था। अखिलेश को छह लाख 21 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं, निहरुआ तीन लाख 61 हजार से ज्यादा वोट पाने में सफल रहे थे। 

रामपुर लोकसभा सीट पर सपा के आजम खां ने भाजपा की जया प्रदा को एक लाख नौ हजार से अधिक मतों से हराया था। आजम को पांच लाख 59 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं, जया प्रदा को को चार लाख 49 हजार से से ज्यादा वोट पाने में सफल रहीं थी। कांग्रेस के संजय कपूर को महज 35 हजार वोट से संतोष करना पड़ा था। 

कैसा है रामपुर-आजमगढ़ का जातीय गणित?
आजमगढ़ लोकसभा सीट के तहत मेंहनगर, आजमगढ़ सदर, मुबारकपुर, सगड़ी और गोपालपुर विधानसभा सीटें आतीं हैं। मेंहनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां एक लाख से ज्यादा दलित वोटर हैं। इसके अलावा 70 हजार से ज्यादा यादव वोटर भी हैं। राजभर और चौहान मतदाताओं की संख्या भी 35 हजार से अधिक है। इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या भी 20 हजार से ज्यादा है। 

आजमगढ़ सदर सीट पर सबसे ज्यादा 75 हजार से अधिक यादव वोटर हैं। दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी 60 हजार के करीब है। 

मुबारकपुर मुस्लिम बहुल सीट है। यहां मुस्लिम मतदाता एक लाख 10 हजार से ज्यादा हैं। वहीं, दलित वोटरों की संख्या 78 हजार तो यादव वोटरों की संख्या 61 हजार के करीब है। बसपा उम्मीदवार गुड्डू जमाली इस सीट से 2017 में विधानसभा चुनाव जीते थे।  

सगड़ी सीट 82 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति के मतादाता हैं। वहीं, यादव मतदाताओं की संख्या भी 55 हजार से ज्यादा है। कुर्मी वोटरों की संख्या 40 हजार से ज्यादा है तो मुस्लिम मतदाता भी 30 हजार से अधिक हैं। 

आजमगढ़ लोकसभा के तहत आने वाली पांचवीं सीट गोपालपुर यादव बहुल है। यहां 68 हजार से ज्यादा यादव वोटर हैं। दलित मतदाताओं की संख्या भी 53 हजार से ज्यादा है। वहीं, मुस्लिम मतदाता भी 42 हजार से अधिक हैं।  

रामपुर लोकसभा सीट के तहत भी पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें रामपुर, स्वार और चमरौआ सीट मुस्लिम बहुल सीटे हैं। तीनों सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। रामपुर सीट पर 63 फीसदी, स्वार सीट पर 55 फीसदी और चमरौआ सीट पर 53 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। बिलासपुर सीट पर भी 30 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं।  

 

साल

विजेता (पार्टी)

हारे (पार्टी)

2019

आजम खां (सपा)

जया प्रदा (भाजपा)

2014

डॉक्टर नैपाल सिंह (भाजपा)

नसीर अहमद खान (सपा)

2009

जया प्रदा (सपा)

बेगम नूर बानो (कांग्रेस)

2004

जया प्रदा (सपा)

बेगम नूर बानो (कांग्रेस)

1999

बेगम नूर बानो (कांग्रेस)

मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा)

1998 

मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा)

बेगम नूर बानो (कांग्रेस)

1996 

बेगम नूर बानो (कांग्रेस)

राजेन्द्र शर्मा (भाजपा)

1991

राजेन्द्र शर्मा (भाजपा)

जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)

1989

जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)

राजेन्द्र शर्मा (भाजपा)

1984

जुल्फीकार अली खान (कांग्रेस)

राजेन्द्र शर्मा (भाजपा)

 

 

 

साल

विजेता (पार्टी)

हारे (पार्टी)

2019

अखिलेश यादव (सपा)

दिनेश लाल यादव निरहुआ (भाजपा)

2014

मुलायम सिंह यादव (सपा)

रमाकांत यादव (भाजपा)

2009

रमाकांत यादव (भाजपा)

अकबर अहमद डम्पी( बसपा)

2004

रमाकांत यादव (बसपा)

दुर्गा प्रसाद यादव (सपा)

1999

रमा कांत यादव (सपा)

अकबर अहमद डम्पी (बसपा)

1998 

अकबर अहमद डम्पी (बसपा)

रमाकांत यादव (सपा)

1996 

रमाकांत यादव (सपा)

रामकृष्ण यादव (बसपा)

1991

चंद्रजीत यादव (जनता दल)

जनार्दन सिंह (भाजपा)

1989

रामकृष्ण (बसपा)

त्रिपुरारी पूजन प्रताप सिंह (जनता दल)

1984

संतोष कुमार सिंह (कांग्रेस)

राम नरेश यादव (लोकदल)

विस्तार

रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उप-चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन था। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि मुकाबला किनके बीच होगा। दोनों सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं तो बसपा ने रामपुर से उम्मीदवार नहीं दिया।

रामपुर में सीधा मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होगा। वहीं, आजमगढ़ में मुकाबला त्रिकोणीय रहने की संभावना है। यहां सपा, भाजपा के साथ बसपा ने भी उम्मीदवार मैदान में उतारा है। 

किस पार्टी से कौन मैदान में?

आजमगढ़ से भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हारे दिनेश लाल यादव निरहुआ को फिर के टिकट दिया है। वहीं, सपा की ओर से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव मैदान में हैं। बसपा की ओर पूर्व विधायक गुड्डू जमाली लड़ रहे हैं। 

रामपुर में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां से भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। लोधी कभी आजम खां के करीबी थे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, सपा ने आजम के ही करीबी आसिम रजा का उतारा है। 



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